राज्यपाल की तारीफ संकीर्ण सोच पर प्रहार

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
राजस्थान के राज्यपाल और अपने समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि वाले पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता रहने के बाद अब संवैधानिक। जिम्मेदारी निभा रहे कलराज मिश्र की कोटा शहर के अद्भुत विकास एवं सौंदर्यीकरण को लेकर की गई तारीफ कोटा के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं की संकीर्ण राजनीतिक सोच और विकास विरोधी नजरिए पर कड़ा प्रहार कर गई।

जो नजरिया बीते चार सालों में कोटा में विकास की दृष्टि से नए प्रतिमान स्थापित करने के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने अपनाया है। अब बीते चार सालों को कोटा के विकास कार्यों में मीनमेख निकालने में बिता चुके भारतीय जनता पार्टी के नेताओं खासतौर से कोटा के वर्तमान या पूर्व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की संकुचित सोच पर इससे बड़ा हमला क्या होगा।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने विकास के प्रति शांति धारीवाल के उस विजन की जमकर तारीफ की जिसे देखकर अपनी भौंहे ताने बैठे रहने वाले यह बात भाजपा नेता बीते चार सालों में श्री धारीवाल को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ते रहे हैं।

इनमें से इक्के-दुक्के तो वे जनप्रतिनिधि भी है जो मौजूदा सरकार के पहले के पांच सालों में यहां से निर्वाचित जनप्रतिनिधि रहे लेकिन प्रदेश में तब श्रीमती वसुंधरा राजे की सरकार के शासनकाल में वे अपनी निजी आर्थिक स्वार्थों से उबर कर कोटा के विकास की दृष्टि से कुछ भला तो कर नहीं पाई।

अलबत्ता अब उन्हें यह विकास कार्य रास नहीं आ रहे हैं तो वे अपनी खीज मिटाने के लिये सरकार को कोसने में कोई कसर भी बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। 9 सितंबर 2019 को राजस्थान में राज्यपाल के रूप में पद स्थापित किए गए कलराज मिश्र ने अपने बीते करीब साढे 3 सालों के कार्यकाल में पहली बार कोटा को देखने के नजरिये से भ्रमण किया।

इस दौरान वे पूरी तरह से जहां के पर्यटन से लेकर प्रकृति, स्थापत्य, सौंदर्यकरण की दृष्टि से करवाए गए विकास कार्यों को देख कर अभिभूत नजर आए और यहां तक कह डाला कि आने वाले समय में कोटा राजस्थान के सबसे सुंदर शहरों में से एक होगा।

अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान राज्यपाल श्री मिश्र ने दो विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग देने के साथ-साथ कोटा में सौंदर्यकरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिहाज से विकसित किए जा रहे दो स्थलों सिटी पार्क और चंबल रिवर फ़्रंट का अवलोकन किया।

यहां के अद्भुत नजारे को देखते हुए निर्धारित समय की सीमाओं को लांघ कर इनके अनुपम सौंदर्य-स्थापत्य और प्रकृति से जुड़ाव के साथ किए विकास को निहारने में अपना समय बिताया। पठारी भूमि को सरसब्ज कर विकसित किए गए कोटा सिटी पार्क के सौंदर्य के संदर्भ में राज्यपाल ने कहा कि यहां जीवन से जुड़ा हर तत्व मौजूद है। प्रकृति है, पर्यावरण है, स्थापत्य है तो ज्ञान का विशाल भंडार भी।

उन्होंने कहा-“मैंने पूरा देश तो नहीं देखा लेकिन जितना दिखा, उनमें से इससे अच्छा उद्यान कहीं नहीं देखा है। कोटा में आने वाले हर व्यक्ति को यहां जरूर आना चाहिए।” श्री मिश्र ने इस मौके पर राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा के छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के संदर्भ में सीख भी दे डाली कि अगर मन में तनाव है तो यहां आ जाओ।

चार-पांच घंटे आराम से भ्रमण कर सकते हैं। शांत माहौल में बैठकर समय बिताकर तनाव मुक्त हो सकते हैं। उसके बाद फिर से तनावरहित माहौल में अध्ययन में जुटकर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं

शांति धारीवाल की स्वप्निल परिकल्पना को यथार्थ में उतारने जा रहे चंबल रिवर फ्रंट में राज्यपाल कलराज मिश्र ने सबसे अधिक समय बिताया, जिसे उन्होंने चंबल की लहरों के ऊपर से होकर न केवल उसके विहंगम दृश्य को दूर से निहारा।

बल्कि बाद में चम्बल रिवर फ्रंट के कार्य स्थल पर जाकर दूर-दूर तक नजारे को देखा और कहा कि यह अद्भुत परिकल्पना को साकार करने वाला है, यानी राज्यपाल ने इसे एक जबरदस्त विजन बताया।

इस दौरे में श्री मिश्र ने एक ही नहीं बल्कि दो मौकों पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कोटा में अब तक धरातल पर उतर चुके या जल्दी ही साकार होने वाले सौंदर्य एवं विकास कार्यों के प्रति अपनी आंतरिक अनुभूति को खुलकर व्यक्त किया।

उन्होंने कोटा में भ्रमण कर जो कुछ देखा-पाया उसे संकीर्णता के किसी भी दायरे से बाहर निकलकर खुलकर उसकी प्रशंसा के साथ व्यक्त भी किया और उनके यह उद्गार आमतौर पर किसी संवैधानिक पद पर रहते हुए दिये जाने वाले किसी लिखित भाषण का हिस्सा नहीं थे बल्कि यथार्थ को स्वीकारती उनकी अनुभूति थी।