यूडी टेक्स को लेकर मनमाने नोटिस से व्यापारियों मे भारी आक्रोश: कोटा व्यापार महासंघ

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कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि प्राइवेट एजेन्सी द्वारा बिना नियमों एवं आंकलन के भारी डिमाण्ड के यूडी टेक्स के नोटिस व्यापारियों, उद्यमियो, हॉस्टल व्यवसाइयों एवं आमजनों को दिये जाने से सभी वर्गो में भारी रोष व्याप्त है।

अब जो नोटिस दिये जा रहे हैं उसमें यूडी टेक्स जमा नहीं कराने पर प्रतिष्ठान को सीज एव कुर्की की कार्यवाही की चेतावनी दी जा रही है। जैन एवं माहेश्वरी ने कहा कि अगर किसी भी प्रकार की सीज एवं कुर्की की कार्यवाही की गयी तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। यह नोटिस 100-100 वर्ग फुट तक की दुकानों से लेकर 2600 वर्गफीट तक के आवासीय भूखण्ड वालों को भी दिए जा रहे हैं।

जबकि 900 वर्ग फीट तक के व्यवसायिक परिसर एवं 2700 वर्ग फुट तक के आवासीय भूखंड तो यूडी टेक्स की श्रेणी में ही नहीं आते हैं । दी एसएसआई एसोसियेशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल, अध्यक्ष अमित सिघंल ने बताया कि इन नोटिसों में विसंगतियों का यह आलम है कि सन् 2020 में निर्मित आवासीय व व्यावसायिक परिसर को सन् 2007 से ही यूडी टेक्स जोड़कर लाखों रुपए की डिमांड के नोटिस दिए जा रहे हैं।

पूरे शहर में इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोटा व्यापार महासंघ एवं दी एसएसआई एसोसियेशन के प्रतिनिधिमंडल ने इस मसले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा को अवगत कराकर नगर निगम और प्राइवेट एजेंसी की तानाशाही रवैये से आमजन को आ रही भारी परेशानियों से अवगत कराया था, जिन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि नियमों के विरुद्ध किसी भी हालत में कोई कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी। फिर भी निगम की कार्यशैली में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं आया है। वरन् यहा एजेंसियां फोन करके व डरा धमकाकर जबरन यूडी टेक्स वसूल रही हैं।

यहां तक कि जो हॉस्टल एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान फायर की एनओसी लेना चाहते हैं, उन पर भी यूडी टेक्स जमा करने के बाद ही फायर की एनओसी देने का प्रावधान डाल रखा है, जिससे इनको फायर की एनओसी भी नहीं मिल पा रही है। फायर विभाग द्वारा एनओसी नहीं होने फायर विभाग भी परिसरों को सीज करने की धमकियां दे रहे हैं। जिससे व्यापार उद्योग जगत एवं आमजन में भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने शहर के सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि नगर निगम द्वारा की जा रही इस तरह की तानाशाही कार्रवाई पर तुरंत रोक लगवाई जाए।