बैंक के नाम पर देश में पैदा होने लगा संदेह : वित्त मंत्री

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु स्थित सिटी यूनियन बैंक के 116वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने देश के मौजूदा बैंकिंग हालात पर टिप्पणी की। सीतारमण ने कहा कि बैंकों के बीच अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाने की होड़ सी मची है।

ऐसे में बैंक बिना अपनी क्षमता का आकलन किए पूरे देश में शाखा खोल देते हैं, जो कि आर्थिक तौर पर बैंकों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। साथ ही मौजूदा बैंकिंग हालात को लेकर देश में बैंक शब्द के नाम पर संदेह पैदा होने लगा है।

वित्त मंत्री निर्मला ने नसीहत देते हुए बैंकों को अपनी ताकत और कमजोरी का आकलन करके धीरे-धीरे विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में बैंकिंग सेक्टर में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण बैंकों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ छवि का भी नुकसान हुआ है। बैड लोन का बोझ बहुत अधिक हो गया है।

वित्त मंत्री की मानें, तो बैंकों को मजबूत करने के लिए अगस्त के महीने में सरकार ने देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर दिया था। 6 छोटे-छोटे बैंकों को 4 बड़े बैंकों में विलय कर दिया गया था। इससे बैंकों का आकार बढ़ गया और लोन बांट पाने की क्षमता भी बढ़ी है।