पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का आधार MSME: मोदी

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नई दिल्ली/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि परंपरागत उत्पाद तथा लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश को ‘पांच ट्रिलियन’ की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के आधार हैं और केन्द्र सरकार इन्हे आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित दो दिवसीय ‘काशी एक, रूप अनेक’ (ओडीओपी) प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं हस्तशिल्पियों के सम्मान समारोह को कहा कि सरकार परंपरागत उत्पाद एवं एमएसएमई के विकास के हर संभव उपाय करेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजना को रोजगार परक होने के साथ ही देश को ‘5-ट्रिलियन’ अर्थव्यवस्था में मददगार बताते हुए कहा कि इससे लघु, छोटे एवं मध्यम उद्योग को गति मिल रही है। गत दो वर्षों में राज्य के 30 जिलों 35 हजार डिजाइनों एवं बुनकारों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। हजारों को आर्थिक एवं अन्य तकनीकी सहयोग दिए गए हैं। सरकार की विभिन्न योजनाआओं से उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है तथा वे अपने रोजगार को बढाने में कामयाब हुए हैं।

एमएसएमई को बढ़ावा देने वाले कई प्रावधान
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कई ऐसे प्रावधान किया है, जिससे लघु, छोटे एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। पांच करोड़ टर्नओवर तक के कारोबार कारोबार को ऑडिट से छूट दी गई है। उद्योग को बढ़ाने के लिए नेशनल टेक्सटइल्स मिशन के तहत 1500 करोड़ रुपए फंड का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 3700 करोड़ रुपए की डिफेंस कॉरिडोर योजना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 कि तक सिंगल प्लाटिक के इस्तेमाल बंद करने की दिशा में ‘ओडीओपी’ महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा क्योंकि इसके तहत आधुनिक तकनीक के जरिए परंपरागत ‘दोना पत्तल’ प्लेट एवं अन्य उत्पाद बनाने का काम किया जा रहा है।

महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई
इससे पहले पीएम मोदी ने चंदौली के पड़ाव स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन पर वाराणसी की 1200 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। तीन ज्योतिर्लिग को जोड़ने वाली महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि काशी में बाबा के दर्शन के बाद, उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर पाएंगे। इसी ट्रेन से आगे बढ़कर इंदौर में ओंकारेश्वर में श्रद्धासुमन अर्पित कर पाएंगे।