नाथद्वारा को ब्रज से जोड़ेगा कोटा का मथुराधीश मंदिर

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कोटा। पुष्टिमार्ग के प्रथम निधि स्वरूप बड़े मथुराधीश मंदिर पर देश विदेश से भक्तों के आगमन के लिए कोटा में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए सातों निधियों को जोड़ने वाले धार्मिक काॅरिडोर का निर्माण कर मथुराधीश पीठ को नाथद्वारा और ब्रज से जोड़ा जाएगा। अभी तक भक्तगण नाथद्वारा में श्रीनाथ भगवान के दर्शन करने के बाद ब्रज की ओर चले जाते हैं।

श्रीनाथद्वारा और ब्रज के कोटा से जुड़ने के बाद यहां भी देश और विदेश से भगवान मथुरेश के दर्शनों के लिए दर्शनार्थी आने लगेंगे। यह बात श्री वल्लभ सम्प्रदाय के गादीपति 15वें तिलकायत मिलन गोस्वामी बावा ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कही। वे कोटा मथुराधीश मंदिर में चल रहे पुष्टि महोत्सव और लालन कृष्णास्य बावा के उपनयन संस्कार के लिए कोटा आए हुए हैं। उनके साथ में विठ्ठलनाथ महाराज और लालन कृष्णास्य बावा और बहू जी भी कोटा आए हैं।

मिलन गोस्वामी बावा ने कहा कि कोटा में इस स्थान पर पहली बार 150 वर्ष पूर्व छप्पन भोग के कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। पुष्टिमार्ग में ठाकुर जी की भाव प्रतिष्ठा मानी गई है, प्राण प्रतिष्ठा नहीं। पुष्टिमार्ग में ठाकुरजी एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरण करते हैं। इसी कारण से औरंगजेब के कालखण्ड में वल्लभ सम्प्रदाय बच सका था।

छप्पनभोग स्थान भी ठाकुर जी का है, इसलिए भगवान मथुराधीश प्रभु श्री प्रथमेश नगर छप्पनभोग पर विराजमान हुए हैं। कोटा में बड़ा कार्यक्रम पुष्टि महोत्सव और लालन कृष्णास्य बावा के यज्ञोपवीत संस्कार के रूप में आयोजित हो रहा है। इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में लगातार किए जाने की योजना है।

उन्होंने कहा कि पाटनपोल में भगवान मथुराधीश जी के मंदिर के बगल में निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें धर्मशाला और ऑडिटोरियम जैसे निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। यहां वैष्णवजनों को जोड़ने के लिए बड़े मनोरथ की योजना है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के द्वारा 2 करोड रूपए की राशि दी जा रही थी।

सरकार इस राशि से मंदिर के बाहर बाजार का सौंदर्यकरण कराना चाहती थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त बजट है और मंदिर के नवनिर्माण और विस्तार कार्य कराने के बाद आवश्यकता होने पर इस राशि पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेसहारा गायों को गोद लेने को लेकर भी भविष्य में प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।

ये हैं सात निधियां
नाथद्वारा में श्रीनाथ जी, नवनीतलाल भगवान प्रधान पीठ है। इसके बाद कोटा मेे श्रीमथुराधीश भगवान, नाथद्वारा में विठ्ठलनाथ भगवान नाथद्वारा में मौजूद हैं। इसके अलावा तृतीय पीठ कांकरोली में द्वारकाधीश भगवान, चतर्थ पीठ गोकुलनाथ भगवान, पंचम पीठ गोकुलचन्द भगवान, सप्तम पीठगोकुल में मदनमोहन भगवान की है।