नर्सिंग कर्मियों की चिकित्सा में अहम् भूमिका: डॉ. अग्रवाल

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नर्सिंग छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. एमएल अग्रवाल। फोटो सुधींद्र गौड़

कोटा। होप सोसायटी तथा अग्रवाल न्यूरो साइकेट्री सेंटर की ओर से आयोजित विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतर्गत बुधवार को अरिहंत नर्सिंग कालेज उज्जवल विहार में नर्सिंग छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष व वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. एमएल अग्रवाल ने इस वर्ष की थीम की विस्तृत विवेचना की। “मानसिक स्वास्थ्य सबके लिए इसको वास्तविकता में बदलने में हमारे हेल्थ प्लानर, राजनेताओं, सरकार, स्वयं सेवी संस्थाओं की भागीदारी जरूरी है।

हम सभी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सभी समुदायों में जागरूकता लाकर भागीदारी निभा सकते हैं। उसी कड़ी में नर्सिंग विद्यार्थियों के साथ यह गोष्ठी आयोजित की गई है। क्योंकि नर्सिंग कर्मी ही स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ की हड्डी होती है। डॉ.अग्रवाल ने डिप्रेशन, एंग्जाइटी, स्किज़ोफ़्रेनिया, ओसीडी के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि समय रहते इन रोगों को पहचान कर और उचित उपचार से मरीज व परिवार का आर्थिक तथा सामाजिक भार समाप्त हो जाता है। मरीज पुनः अपने दैनिक दिनचर्या में लग जाता है।

प्रेस समन्वयक सुधीन्द्र गौड़ ने बताया कि नर्सिंग विद्यार्थियों को डॉ. अग्रवाल ने पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से मनोरोगों के बारे में विस्तार से समझाया। साथ ही विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समुचित उत्तर दिया।

सचिव डॉ. अविनाश बंसल ने तनाव को पहचानने तथा काबू पाने के तरीकों की जानकारी दी। तनाव में सरदर्द, पेटदर्द, चिड़चिड़ापन ,उल्टी, घबराहट, पढाई या किसी भी काम में मन न लगना, बहुत नींद आना आदि होता है। तनाव पर काबू पाने के लिए उसके कारणों के बारे में जानकर निवारण करना चाहिए। कभी कभी परिस्थितियां हमारे बस में नहीं होती, हमें उनको स्वीकार करना चाहिए। अच्छी नींद, पौष्टिक भोजन,योग-व्यायाम करने से तनाव से मुक्ति मिलती है। अंत में नर्सिंग कालेज प्राचार्य नरेश सोनी ने छात्र-छात्राओं को मीडिया सदुपयोग की शपथ दिलाई।