देश की GDP घटकर पांच तिमाहियों के निचले स्तर पर, विकास दर 6.6% रही

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नई दिल्ली।चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर गिरकर 6.6 फीसदी रही। यह पांच तिमाहियों का निचला स्तर है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पहली तिमाही में विकास दर 8.2 फीसदी, जबकि दूसरी तिमाही में विकास दर 7.1 फीसदी रही।

घरेलू व विदेश में मांग कम रहने से जीडीपी विकास दर सात फीसदी से भी कम रही है। हालांकि, इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चीनी अर्थव्यस्था से तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। तीसरी तिमाही में चीन की जीडीपी विकास दर 6.4 फीसदी रही है।

पहली तिमाही की जीडीपी विकास दर संशोधित कर आठ फीसदी की गई है, जो पहले 8.2 फीसदी थी। वहीं, दूसरी तिमाही की विकास दर सुधारकर सात फीसदी की गई है, जो पहले 7.12 फीसदी थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में देश का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है और यह दुनिया के छठे सबसे बड़े ऑटो मैन्युफैक्चरर के रूप में उभर रहा है और स्मार्टफोन के उत्पादन में भी व्यापक विस्तार कर रहा है।

पिछले तीन साल में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की जीडीपी में हिस्सेदारी महज 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह लगभग 18 फीसदी पर पहुंची है। निवेशकों की शिकायत है कि कर की ऊंची दरें, प्रभावी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और नियामकीय लालफीताशाही से भारत जैसे देश में काम करने में कठिनाई होती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वर्ष 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में यह 32.85 लाख करोड़ रुपये थी।

दिसंबर महीने में मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। सीएसओ ने वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।