थोक महंगाई से राहत नहीं, अक्टूबर में 5.28 फीसद रहा WPI

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नई दिल्ली। खुदरा महंगाई के मोर्चे पर राहत जरूर मिली, लेकिन थोक महंगाई ने निराश किया। थोक महंगाई के 5 फीसद पर रहने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर 5.28 फीसद रही है। गौरतलब है कि सितंबर महीने में थोक महंगाई दर 5.13 फीसद रही थी।

मासिक आधार पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ी महंगाई दर 4.49 फीसद रही जो कि इससे पिछले महीने 0.6 फीसद रही थी। वहीं प्राइमरी आर्टिकल से जुड़ी महंगाई दर घटकर 1.79 फीसद पर आ गई जो कि पिछले महीने 2.97 फीसद पर थी।

खाद्य महंगाई दर 0.64 फीसद रही जो कि पिछले महीने 0.14 फीसद रही थी। फ्यूल से जुड़ी महंगाई दर 18.4 फीसद रही जबकि पिछले महीने यह 16.6 फीसद रही थी। इसके अलावा सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर -18.6 फीसद रही जो कि पिछले महीने -3.83 फीसद रही थी।

बीते महीनों का हाल: सितंबर महीने में थोक महंगाई दर 5.13 फीसद रही थी। जून में थोक महंगाई दर बढ़कर 5.77 फीसद हो गई थी जो मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे सर्वोच्च स्तर रहा। बीते साल जुलाई (2017) में थोक महंगाई दर 1.9 फीसद रही थी।

खुदरा महंगाई ने दी राहत: अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 3.31 फीसद पर रही। सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 3.77 फीसद रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए थे।

अक्टूबर महीने के लिए सीपीआई का यह आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के 3.67 फीसद के अनुमान से काफी कम हैं और यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मध्यम अवधि के लक्ष्य के दायरे में है।