ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑटोमैटिक ट्रैक पर देना होगा टेस्ट

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कोटा। आरटीओ ऑफिस में अब ऑटोमैटिक ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा। अगस्त के अंतिम हफ्ते या सितंबर में डीएल बनवाने के लिए इसी ट्रैक पर गाड़ी चलानी होगी। इस टेस्ट में पास होने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। खास बात ये होगी कि गाड़ी ट्रैक पर लगे सेंसर से भिड़ी तो अलार्म बजने लगेगा। कैमरा गलतियां गिनकर टेस्ट में पास या फेल का फैसला करेगा। इसके बाद ही लाइसेंस जारी रहेगा।

एआरटीओ मथुरा प्रसाद मीणा ने बताया कि प्रदेश के 12 शहरों में इसी तरह के ट्रैक बनाए जा रहे हैं। दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए ट्रैक पर अलग-अलग रूट बनाए गए हैं, जिन पर गाड़ी चलाकर टेस्ट देना होगा। कम्प्यूटर रूम और टेस्ट लेने वाले अधिकारियों के कक्ष का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। यहां कंप्यूटर लगाने बाकी है।

इससे ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट से लाइसेंस प्रक्रिया में फर्जीवाड़े के मामलों में भी कमी आएगी क्योंकि पूरी लाइसेंस प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की जाएगी। इससे पहले ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के बाद आपको सबसे पहले टीवी स्क्रीन पर एक 20 मिनट की शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी। इससे आपको यह पता चलेगा कि ट्रैक पर वाहन कैसे चलाना है और किन नियमों का पालना करना जरूरी है। ट्रैक पर 20 सेंसर लगाए गए हैं। टेस्ट के लिए 3 मिनट का वक्त मिलेगा।

किस वाहन के लिए क्या करना पड़ेगा
टू-व्हीलर : 300 मीटर ट्रैक पर बाइक दौड़ानी होगी। इसमें घुमाव पर इंडिकेटर दिखाना होगा। ब्रेकर पर स्पीड भी कम करनी होगी। इनकी जानकारी ट्रैक पर लगे साइन बोर्ड से मिलेगी। हर जगह सेंसर लगे हुए हैं।
चौपहिया : ट्रैक पर बने आठ, एच, ट्रिपल 8 पर वाहन सीधा व उलटा चलाना होगा। एच ट्रैक पर पार्क करना होगा। इसकी पूरी निगरानी सेंसर के जरिए होगी। अगर वाहन ट्रैक पर सेंसर से टच हुए तो फेल कर दिया जाएंगे।
बस व ट्रक : इनके लिए ट्रैक पर वाहन चलाना होगा। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इंडिकेटर के साथ-साथ छोटे से पुल पर गाड़ी चढ़ाकर नीचे उतारकर निर्धारित जगह वाहन पार्क करना होगा।