टैक्स डिमांड और रिफंड के आकलन का काम 31 अगस्त तक होगा पूरा

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नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी ने टैक्स अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी आयकरदाताओं के टैक्स के आकलन का काम अगस्त के अंत तक पूरा कर लें। इसके अलावा सभी फील्ड अधिकारियों के लिए अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया गया है। गौरतलब है कि टैक्स कलेक्शन में कमी देखी जा रही है और इस कारण इस कारोबारी साल के राजस्व लक्ष्यों को हासिल कर पाना कठिन लग रहा है।

टैक्स डिपार्टमेंट के प्रधान मुख्य आयुक्तों को लिखे पत्र में मोदी ने कहा कि कई करदाता विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदन करने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से सही मांग की सूचना का इंतजार भी है। सीबीडीटी प्रमुख ने यह पत्र 9 जुलाई को लिखा था।

ई-फाइलिंग पोर्टल या ई-मेल के जरिये अपीलों का होगा निपटान
सीबीडीटी प्रमुख ने अधिकारियों के लिए लंबित अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे ई-फाइलिंग पोर्टल या सिर्फ ई-मेल के जरिये जानकारी भेजकर अपीलों का निपटान करें। सीबीडीटी के प्रमुख ने नौ जुलाई को लिखे पत्र में कहा है कि बोर्ड चाहता है कि विवाद से विश्वास योजना के तहत आने वाले करदाताओं के टैक्स डिमांड और कर भुगतान या रिफंड की गणना से संबंधित कामकाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

आवेदनों पर तत्काल दिया जाएगा ध्यान
पत्र में टैक्स अधिकारियों से कहा गया है कि वे विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदनों पर तत्काल गौर करें। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इस योजना के तहत आवेदन मिला हो या नहीं मिला हो, सभी आकलन अधकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले करदाताओं के कर भुगतान या कर रिफंड की गणना का काम तेजी से निपटाना होगा। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह कार्य सभी आयकरदाताओं के लिए किया जाना है, चाहे वे इस योजना का विकल्प चुनना चाहते हैं या नहीं चुनना चाहते हैं।

टैक्स डिपार्टमेंट की इस कवायद से अंतिम समय में किसी तरह की समस्या खड़ी नहीं होगी। आकलन अधिकारियों को इस प्रक्रिया को 31 अगस्त, 2020 तक पूरा करना है। विवाद से विश्वास योजना के तहत कर विवादों का निपटान करने की समय सीमा 31 दिसंबर, 20 है।

क्या है विवाद से विश्वास योजना
विवाद से विश्वास योजना के तहत विवाद का समाधान के करने के इच्छुक करदाताओं को 31 दिसंबर तक टैक्स की पूरी राशि जमा कराने पर ब्याज और जुर्माने से छूट मिल जाएगी। इस योजना के तहत 9.32 लाख करोड़ रुपए के 4.83 लाख प्रत्यक्ष कर मामलों के निपटान का लक्ष्य है। ये मामले विभिन्न अपीलीय मंचों मसलन आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालयों में लंबित हैं।

विवाद में टैक्स की राशि
विवादित टैक्स की यह राशि 2020-21 के प्रत्यक्ष कर संग्रह के बजट लक्ष्य 13.19 लाख करोड़ रुपए का 71 फीसदी बैठती है। प्रत्यक्ष कर संग्रह के कुल बजट लक्ष्य में से आयकर संग्रह का लक्ष्य 6.38 लाख करोड़ रुपए और कॉरपोरेट कर संग्रह का लक्ष्य 6.81 लाख करोड़ रुपए है। 2019-20 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.33 लाख करोड़ रुपए रहा था। 2018-19 में यह 12.97 लाख करोड़ रुपए था।

हर माह 80 अपीलों का समाधान का भी निर्देश
सूत्रों के मुताबिक सीबीडीटी प्रमुख ने प्रत्येक इनकम टैक्स कमिश्नर से यह भी कहा है कि वे हर महीने कम से कम 80 अपीलों का समाधान करें। उन्हें 31 मार्च 2016 तक दाखिल की गई सभी लंबित अपीलों का समाधान करने का काम तुरंत शुरू करने के लिए कहा गया है।