जेईई एडवांस्ड पेपर एनालिसिस: तीनों विषयों में मिक्स कंसेप्ट के प्रश्नों ने उलझाया

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-पेपर के दौरान इंटरफेस की समस्या से छात्र हुए परेशान

-जूम इन-जूम आउट नहीं होने से प्रश्न पढ़ने में हुई परेशानी

कोटा। JEE Advanced Paper Analysis: जेईई एडवांस्ड परीक्षा रविवार को देश के 215 शहरों में संपन्न हुई। राजस्थान में यह परीक्षा कोटा, अलवर, अजमेर, बीकानेर, सीकर, उदयपुर, जोधपुर, जयपुर में हुई।

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि यह परीक्षा आईआईटी मुम्बई द्वारा आयोजित कराई गई थी। परीक्षा दो चरणों में सुबह 9 से 12 व दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक हुई। उन्होंने बताया कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से विशेष रूप से तैयार सी-सेट एप पर विद्यार्थियों की ओर से मिले फीडबैक के अनुसार जेईई एडवांस्ड 2022 का पेपर ओवर ऑल कठिन रहा। तीनों विषयों में मिक्स कंसेप्ट के प्रश्न पूछे गए।

एक ही प्रश्न को अलग-अलग चैप्टर्स के कंसेप्ट लेकर तैयार किया गया। ऐसे में प्रश्नों ने स्टूडेंट्स को काफी उलझाए रखा। तीनों ही विषयों में कॉलम मेचिंग के आसान प्रश्न पूछे गए। जेईई एडवांस्ड का पेपर कुल 360 अंकों का रहा। प्रत्येक पेपर 180 अंकों का रहा। पेपर-1 के इंटीजर सेक्शन को छोड़कर बाकी सभी प्रश्नों में नेगेटिव मार्किंग रही।

पेपर-2 में सभी प्रश्नों में नेगेटिव मार्किंग रही। पेपर-1 में इंटीजर अप-टू डेसिमल के 8, मल्टीपल करेक्ट के 6 एवं मेट्रिक्स मैच के 4 प्रश्न प्रत्येक विषय से पूछे गए। इसी प्रकार पेपर 2 में सिंगल डिजिट इंटीजर (0-9) वाले 8 प्रश्न, मल्टीपल करेक्ट के 6 एवं सिंगल करेक्ट के 4 प्रश्न प्रत्येक विषय में पूछे गए।

पेपर में स्टूडेंट्स को तकनीकी परेशानी से सामना करना पड़ा। स्क्रॉल नहीं होने से प्रश्नों को जूमइन-जूमआउट नहीं कर सके। फॉन्ट साइज बड़ा होने से प्रश्न स्क्रीन पर पूरा शो नहीं हो रहा था। ऐसे में प्रश्नों को पढ़ने में काफी समय लगा। जिससे स्टूडेंट्स को पेपर सॉल्व करने में समस्या हुई।

फिजिक्स:पेपर 1 कठिन और लेन्दी रहा। जबकि पेपर 2 पेपर 1 की तुलना में कुछ आसान रहा। ओवरऑल अभी तक आईआईटी का जो पैटर्न था, उसमें यह पेपर कठिन था। कैलकुलेशन बेस्ड प्रश्नों की संख्या ज्यादा थी। पेपर 1 में एक प्रश्न में दो कंसेप्ट होने से स्टूडेंट्स कंफ्यूज रहे। हीट टॉपिक से आसान कैलकुलेटिव प्रश्न पूछे गए। जबकि हीट थमोर्डाइनेमिक्स से ग्राफ आधारित प्रश्न पूछे गए। न्यूक्लियर फिजिक्स के प्रश्न में न्यूक्लियर एनर्जी इंटरएक्शन का सवाल था। जिसने स्टूडेंट्स को कंफ्यूज किया।

मैथ्स: पिछले वर्ष की तुलना में पेपर कठिन व लेन्दी रहा। एक ही प्रश्न में काफी सारी कैलकुलेशन होने से स्टूडेंट्स को क्वेश्चंस सॉल्व करने में समय ज्यादा लगा। पेपर संतुलित था। हर चैप्टर को पेपर में वेटेज दिया गया था। ज्यादातर प्रश्नों में मिक्स कंसेप्ट थे। दो-तीन चैप्टर्स से कंसेप्ट लेकर प्रश्नों को तैयार किया गया था। स्टूडेंट्स ने बताया कि ह्यफॉन्ट साइज बड़ा होने से प्रश्न स्क्रीन पर पूरा नहीं दिख रहा था। स्क्रॉल करने में समय ज्यादा लग रहा था। यदि ऐसा नहीं होता तो हम दो-तीन प्रश्न ज्यादा सॉल्व कर पाते।

कैमिस्ट्री: पेपर का लेवल मध्यम से कठिन रहा। कैलकुलेटिव पार्ट ज्यादा रहा। यहां तक कि ऑर्गेनिक व इनऑर्गेनिक कैमिस्ट्री के कुछ प्रश्नों में भी कैलकुलेशन जोड़ दी गई थी। इनऑर्गेनिक में कोर्डिनेशन, मेटलर्जी व रिएक्शन बेस्ड प्रश्न पूछे गए। ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री में मिक्स कंसेप्ट में रोड मैप के प्रश्न पूछे गए। फिजीकल कैमिस्ट्री आसान रही लेकिन कैलकुलेशन ज्यादा थी।

एक सितम्बर को जारी होंगे रिकॉर्डेड रेस्पोंस
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट अमित आहुजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड परीक्षा होने के बाद प्रश्न पत्र एक-दो दिन में जारी हो सकते हैं क्योंकि स्टूडेंट्स के रिकॉर्डेड रिस्पांस एक सितम्बर को जारी किए जाएंगे एवं उसके बाद 3 सितम्बर को प्रोविजनल आंसर की जारी की जाएगी। स्टूडेंट्स को प्रोविजनल आंसर-की को चैलेंज करने का मौका 4 सितम्बर तक दिया जायेगा। इसके बाद 11 सितम्बर को फाइनल आंसर की के साथ जेईई-एडवांस्ड का परिणाम जारी किया जाएगा।

आहूजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड इनफोर्मेशन बुलेटिन के अनुसार मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को विषयवार एवं औसतन दोनों कटऑफ़ पहले ही घोषित की जा चुकी है, जो कि सामान्य श्रेणी के लिए विषयवार 10 प्रतिशत औसतन 35 प्रतिशत तथा ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए विषयवार 9 प्रतिशत एवं औसतन 31.5 प्रतिशत है।

वहीं एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए विषयवार 5 प्रतिशत एवं औसतन 17.5 प्रतिशत है। परन्तु गत वर्ष ओपन कैटेगिरी की औसतन कटऑफ़ 17.50, विषयवार 5 प्रतिशत,ओबीसी एवं एडब्ल्यूएस की औसतन 15.75 व विषयवार 4.50 प्रतिशत, एससी व एसटी एवं शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 8.75 एवं विषयवार 2.50 प्रतिशत कटऑफ़ रही।