कोरोना के कर्मवीरों का कोटा में थालियां बजाकर जताया आभार

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कोटा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर जनता कर्फ्यू शहर में पूरी तरह सफल रहा। लोगों ने इसका समर्थन किया और शहर में पहली बार कर्फ्यू का समर्थन देखने को मिला। इसी के साथ मोदी के आग्रह पर रविवार शाम 5 बजे अपने खिड़की-दरवाजों पर खड़े होकर डॉक्टरों, पुलिस वालों, मीडिया कर्मियों, सफाई कर्मियों, होम डिलीवरी करने वालों का लोगों ने थाली और तालियां बजाकर समर्थन किया।

लोगों ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी लोगों के बचाव और जरुरतें पूरी करने के लिए सेवा देने वालों का आभार व्यक्त किया। कई लोगों ने घंटी तो कई ने शंख बजाकर आभार व्यक्त किया।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मंदिर मेंं जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है। जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। वातावरण में होने वाले इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु ,विषाणुं और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं। ताली,शंख से भी यही होता है। ताली बजाने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो सही तरीके से होता है। जिससे हमारे फेफड़ों में ऑक्सीजन सही तरीके से पहुंचती है और हम स्वस्थ रहते हैं।