कोटा में नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए वन भूमि के डायवर्जन की स्वीकृति

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अगले वर्ष प्रारंभ होगा निर्माण कार्य

नई दिल्ली/कोटा। शंभूपुरा में प्रस्तावित नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की बैठक में एयरपोर्ट के लिए वन भूमि के डायवर्जन की स्वीकृति दे दी है। साथ ही नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने भी एयरपोर्ट निर्माण के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है। अब अगले वर्ष एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संभावना बढ़ गई है।

एयरपाेर्ट के लिए शंभूपुरा में 500 हैक्टेयर जमीन तय की हुई है। इसमें से 466.592 हैक्टेयर फाॅरेस्ट लैंड है। जिसके डायवर्जन का मामला एक साल से चल रहा था, जिस पर अब स्वीकृति मिली। साइट पर अब एएआई से जुड़े काम रफ्तार पकड़ेंगे।

एयरपाेर्ट के लिए जमीन निशुल्क देने का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट ने 16 नवंबर 2021 काे ले लिया था। फाॅरेस्ट लैंड डायवर्जन समेत अन्य शुल्क काे लेकर भी मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत स्वीकृति दे चुके हैं।

बूंदी जिले में तुलसी, कैथूदा, बालापुरा एवं देवरिया गांव के पास है जाे काेटा यूआईटी की पैराफेरी में है। वनभूमि के डायवर्जन के लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा था। साथ ही नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की स्वीकृति भी आवश्यक थी।

कोटा में स्पीकर ओम बिरला के प्रयासों से ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए जो भूमि चिन्हित की गई है, उसका बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र में आता है। वनभूमि के डायवर्जन के लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा था। प्रस्ताव पर मंत्रालय ने कुछ और जानकारी राज्य सरकार से मांगी थी।

यह जानकारी कुछ ही दिन पूर्व राज्य सरकार ने भेजी थी। साथ ही एयरपोर्ट के लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की स्वीकृति भी आवश्यक थी। स्पीकर बिरला दोनों ही स्वीकृतियां दिलाने के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निरंतर सम्पर्क में थे।

इसके बाद गुरूवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वन भूमि के डायवर्जन के साथ नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की भी स्वीकृति प्राप्त हो गई। इसके बाद एयरपोर्ट निर्माण के लिए सभी बड़ी बाधाएं दूर हो गई हैं।

अब आगे क्या
इस स्वीकृति के बाद अब केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से राजस्थान सरकार को पत्र के माध्यम से आधिकारिक सूचना भेजी जाएगी। यह सूचना मिलने के बाद राज्य सरकार की ओर से डायवर्जन का पैसा जमा कराया जाएगा। डायवर्जन राशि जमा होने पर भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम दर्ज हो जाएगी। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी डीपीआर तैयार करने के लिए टेंडर जारी करेगी। स्पीकर बिरला के निर्देश पर अथॉरिटी ने पहले से ही इसकी तैयारी कर रखी है। डीपीआर तैयार होने के बाद निर्माण कार्य के टेंडर होंगे।

पावर ग्रिड ने की विद्युत लाइन शिफ्ट करने की तैयारी
एयरपोर्ट की प्रस्तावित भूमि पर आ रही विद्युत लाइन को भी शिफ्ट करने के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने तैयारी कर ली है। इसके लिए लाइन के वैकल्पिक मार्ग को तय कर उसके बारे में यूआईटी, वन विभाग सहित अन्य एजेंसियों से एनओसी भी प्राप्त कर ली है। अब जैसे ही राज्य सरकार लाइन शिफ्टिंग की राशि जमा कराएगी, पावर ग्रिड आगे की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी।

डिमांड नोट जारी होने पर राशि जमा करा देंगे
एयरपाेर्ट के फाॅरेस्ट लैंड डायवर्जन शुल्क से जुड़े मामलाें में सक्षम स्तर से स्वीकृतियां आ चुकी हैं। जैसे ही भारत सरकार डिमांड नाेट देगी, हम राशि जमा करा देंगे।
ओपी बुनकर, कलेक्टर काेटा