कोटा और डकनिया स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए 260 करोड़ खर्च होंगे

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कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा और डकनिया तलाव स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की रूपरेखा तैयार हो गई है। संभावना है कि इसी वर्ष मार्च में हम 260 करोड़ से अधिक की लागत से दोनों स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास करेंगे। डकनिया स्टेशन पर यात्रियों को लंबी दूरी की गाड़ियों की सुविधा मिलेगी। दोनों स्टेशनों पर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। कोटा-बूंदी के छोटे स्टेशनों के विकास तथा वहां रहने वाले नागरिकों के जीवन को सरल बनाने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं। वे बुधवार को सोगरिया स्टेशन और मेमू ट्रेन के लोकार्पण के बाद पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।

उन्होंने कहा कि कोटा-बूंदी की जनता से मिल रहे प्यार के लिए आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि यहां का विकास जनभावनाओं के अनुरूप होगा। हम कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ को सम्मिलित कर पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाएंगे। यहां नए उद्योगों की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। कोटा आईटी का प्रमुख केंद्र बनने की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है। हमारी कोशिश होगी कि कोटा का ट्रिपल आईटी भवन बनने के बाद यहां से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कोटा में ही रोजगार मिले।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है रेलवे: रेल राज्य मंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप् रेलवे मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहित कर रही है। वंदे भारत ट्रेन का निर्माण पूरी तरह भारत में किया जा रहा है। देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए हम 75 ऐसी ट्रेन चलाने वाले हैं। इसके अलावा देशभर में 75 स्टेशनों को भी भव्य स्वरूप देने के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें कोटा का डकनिया तलाव स्टेशन भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि रेलवे अब नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है। देश में अब प्रोजेक्ट्स तय समय पर पूरे हो रहे हैं। बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट भी समय पर चल रहा है। स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों, वरिष्ठजनों और बच्चों के लिए भी सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। कोटा में हुए स्वागत और यहां के लोगों से मिले स्नेह से भी दर्शनाबेन अभिभूत नजर आईं।

कोरोना के समय में भी जारी रही सेवा
दर्शनाबेन ने कहा कि कोरोना के कठिन समय में जब पूरे देश थम सा गया था तब भी रेल के पहिए गतिमान रहे। देश के विभिन्न क्षेत्रों में आॅक्सीजन पहुंचाने के साथ-साथ श्रमिकों और विद्यार्थियों को भी अपने घरों तक पहुंचाया। इसके लिए रेल परिवार बधाई का पात्र है।

कोटा से जुड़ी यादों को किया ताजा
रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कोटा से जुड़ी यादों को भी ताजा किया। उन्होंने कहा कि पार्षद के तौर पर वे वर्ष 2000 में कोटा में स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आई थीं, तब और आज का कोटा काफी बदल चुका है। शैक्षणिक नगरी के रूप में कोटा की ख्याति आज विश्व भर में है।