केवल डिग्री हासिल करने से कोई सफल डाॅक्टर नहीं बनता: सरदाना

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कोटा। मेडिकल काॅलेज कोटा में बैच 2019 फाउण्डेशन कोर्स का ओरियन्टेशन प्रोग्राम शनिवार को मेडिकल काॅलेज ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। जिसमें प्राचार्य डाॅ. विजय सरदाना समेत अन्य चिकित्सकों और शिक्षकों ने छात्र छात्राओं को अच्छा डाॅक्टर बनने, रैगिंग, मानवीय संवेदनाओं, अनुशासन, सामाजिक सरोकार, तनाव मुक्ति और कैरियर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

डाॅ. सरदाना ने कहा कि केवल साढे पांच साल की पढाई से कोई भी सफल डाॅक्टर नहीं बन सकता है। अच्छा और सफल डाॅक्टर बनने के लिए जीवनभर पढना और सीखना पड़़ता है। डिग्री केवल पासपोर्ट है, सफलता के लिए केवल डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है।

डाॅक्टर में मानवीय संवेदना भी होना चाहिए
डाॅक्टर को आवश्यकता पड़ने पर प्रबंधक, फाइनेंशियल एक्सपर्ट, सीईओ भी बनना पड़ता है। उसे अच्छा क्लिनिकल नाॅलेज होने के साथ ही फैमिली केयर और सेल्फ केयर टेकर भी होना पड़ता है। डाॅक्टर के अंदर बुद्धिमत्ता तो होती है, लेकिन उसमें वैज्ञानिक रूचि, मानवीय संवेदना, जनसम्पर्क के गुण भी होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चिकित्सक के लिए सदैव रोगी ही प्राथमिकता में होना चाहिए। उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता, सकारात्मकता उसको सफलता की ओर ले जाती है। चिकित्सकों को सामाजिकता से जोड़ने के लिए ही एमसीआई की ओर से मेडिकल शिक्षा का नया माॅडल लाया गया है।

डाॅक्टर में 85 प्रतिशत एटीट्यूड और 15 प्रतिशत ज्ञान महत्वपूर्ण है। केवल पुस्तकीय ज्ञान से परीक्षा तो पास की जा सकती है, लेकिन अच्छा डाॅक्टर बनने के लिए काॅमन सेंस ज्यादा जरूरी है। ऐसे में, डाॅक्टर को कम्पलीट फिजिशियन के साथ कम्पलीट ह्यूमन बिंग बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

डाॅ. चन्द्रशेखर सुशील ने कहा कि पढाई के साथ अन्य गतिविधियों में भी पर्याप्त रूचि लेनी चाहिए। इससे तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है। तनाव को साथ लेकर पढाई करना घातक होता है। कई। बार नकारात्मक लोगों के साथ रहने से तनाव पैदा होने लगता है। ऐसे में, नकारात्मक मित्रों से बचना चाहिए।

डाॅ. घनश्याम सोनी ने रैगिंग से बचने और डाॅ. एससी दुलारा ने कैम्पस में अनुशासन के बारे में जानकारियां दीं। इस दौरान डाॅ. नीलेश जैन, डाॅ. आशुतोष शर्मा, डाॅ. कल्पना माखीजा, डाॅ. शिवम समेत संकाय सदस्य, अभिभावक मौजूद रहे।

250 छात्र छात्राओं का बैच, 15 एनआरआई
मेडिकल काॅलेज कोटा के नवीन बैच 2019 में 250 सीटों में से अभी 14 छात्र छात्राएं अनुपस्थित हैं। इनमें 15 एनआरआई ने भी प्रवेश लिया है। राजस्थान के सभी जिलों से बच्चे आए हैं। वहीं राजस्थान के बाहर प्रान्तों से भी 38 छात्र छात्राएं आए हैं ।