लंदन हाई कोर्ट में नीरव मोदी की अपील खारिज, अब भारत वापसी लगभग तय

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मुंबई। ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया है। मोदी ने लंदन उच्च न्यायालय में आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति के लिए एक आवेदन दायर किया था।

लंदन हाई कोर्ट के जज ने अपील के लिए प्रस्तुत “कागजात पर” निर्णय लिया और निर्धारित किया कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए मोदी के भारत प्रत्यर्पण के पक्ष में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं है।

फरवरी में ब्रिटेन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट में नीरव के प्रत्यर्पण पर आखिरी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने भी नीरव को भारत भेजने की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद 15 अप्रैल को ब्रिटेन की होम सेक्रेटरी प्रीती पटेल ने भी नीरव के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। अब लंदन हाई कोर्ट के फैसले से नीरव को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

नीरव मोदी पर PNB से लोन लेकर करीब 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। घोटाला सामने आने के बाद वह जनवरी 2018 में देश छोड़कर फरार हो गया था। नीरव को साउथ-वेस्ट लंदन से 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। उसे वांड्सवार्थ जेल में रखा गया है।

प्रवर्तन निदेशालय भी सख्त
वहीं, 23 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी सहित मेहुल चौकसी और विजय माल्या की कुल जब्त संपत्ति करीब 18,170.02 करोड़ रुपए की है। इसमें से 9,371.17 करोड़ रुपए के असेट्स को वह सरकार और पब्लिक सेक्टर के बैंकों को देगी।

ED द्वारा जारी बयाने के मुताबिक उसके पास जब्त कुल संपत्ति बैंकों को हुए कुल लॉस का 80.42% है। इसका 41% हिस्सा वह सरकार और बैंकों को देने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि इससे तीनों से रकम की रिकवरी की जा सकेगी। इन पर बैंकों के 22,585.83 करोड़ रुपए की देनदारी है।