नई दिल्ली। आरबीआई द्वारा नोटबंदी के आंकड़े पेश करने के बाद गुरुवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा कि नोटबंदी से अब तक 9.72 लाख लोगों द्वारा जमा कराए गए 2.89 लाख करोड़ रुपये की विभाग जांच करेगा। विभाग का कहना है कि यह रुपया 13.33 लाख खातों में जमा कराया गया है।
बुधवार को आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में नोटबंदी के आंकड़े पेश करते हुए कहा था कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये के 99 प्रतिशत पुराने नोट वापस आ गए हैं।
नोटबंदी के बाद 15 लाख करोड़ रुपये की करंसी बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गई है। इसके बाद सरकार ने सफाई देते हुए कहा था कि इसमें ‘कुछ महत्वपूर्ण हिस्सा’ काले धन का भी हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।
रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा था कि नोटबंदी के बाद नए नोटों की छपाई से वर्ष 2016-17 में नोटों की छपाई की लागत दोगुनी होकर 7,965 करोड़ रुपये हो गई, जो 2015-16 में 3,421 करोड़ रुपये थी।
नोटबंदी के बाद बैंकिंग सिस्टम में नोटों का सर्कुलेशन 20.2 फीसदी (YoY) घटा है। इस साल सर्कुलेशन में नोटों की वैल्यू 13.1 लाख करोड़ है जबकि पिछले साल (मार्च) यह 16.4 लाख करोड़ थी।
बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, ‘नोटबंदी का मकसद नकदी को अर्थव्यवस्था में लाना, डिजिटाइजेशन करना, टैक्स बेस बढ़ाना और काले धन से लड़ाई करना है।’
इससे पहले एक सम्मेलन में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि बैंक में जमा पैसे का यह मतलब नहीं है कि वह पूरी तरह से वैध है। सरकार ने इससे पहले कहा था कि यह नोटबंदी का ही असर है कि 2 लाख से ज्यादा फर्जी कंपनियां पकड़ी गई।
सरकार ने सह भी दावा किया कि यह नोटबंदी का ही नतीजा है कि 56 लाख नए करदाता सिस्टम से जुड़े हैं। जिसकी वजह से टैक्स रेवेन्यू बेहतर हुआ है।
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग सिस्टम में मार्च 2017 तक 7,62,072 नकली नोट पकड़े गए। सबसे बड़ी चिंता की बात 2000 और 500 रुपये की नई डिजाइन के भी नकली नोटों के सामने आने की है।
आरबीआई के मुताबिक 2000 रुपये के नोट की नई डिजाइन के 638, और 500 रुपये के नोट की नई डिजाइन के 199 नकली नोट पकड़े गए।