नयी दिल्ली। स्थानीय तेल तिलहन बाजार में खाद्य तेलों के दाम में शुक्रवार को भी मजबूती का रुख रहा। विदेशों में भी भाव उच्चस्तर पर हैं। निर्यात मांग से सोयाबीन तेजी के नये रिकार्ड बना रहा है तो सरसों भी मौजूदा स्थिति में लगातार ऊंचा बोला जा रहा है। बाजार पिछले कुछ दिन नीचे आने के बाद फिर तेजी की राह पर है।
बाजार सूत्रों का कहना है कि विदेशों में भारतीय सोयाबीन तेल रहित खल (डीओसी) की भारी मांग है। दूसरी तरफ सोयाबीन का स्टॉक समाप्ति की तरफ बढ़ रहा है। महाराष्ट्र में 6,400- 6,500 रुपये के भाव पर भी सोयाबीन नहीं मिल रही है। सोयाबीन बड़ी बनाने के लिये 7,200 से 7,300 रुपये क्विंटल तक भाव बोले जा रहे हैं। मलेशिया, शिकागो में हालांकि आज गुड फ्राइडे का अवकाश रहा लेकिन भाव ऊंचे बने हुये हैं। मूंगफली तेल भी निर्यात मांग से 20 रुपये बढ़कर 15,320 रुपये क्विंटल पर बोला गया।
सरसों का बाजार लगातार मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। तेल सरसों 50 रुपये बढ़कर 12,350 रुपये क्विंटल हो गया। बाजार सूत्रों का कहना है कि सरकारी एजेंसियों को बाजार भाव पर सरसों की खरीद कर लेनी चाहिये। जिस तेजी से बाजार बढ़ रहा है उसके मुताबिक इस बार सरसों उन्हें समर्थन मूल्य पर मिलनी मुश्किल है। सरसों तेल का बाजार में कोई विकल्प नहीं है। सरसों तेल ने हाल के महीनों में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस समय दूसरे तेल महंगे होने से सरसों तेल में कोई मिलावट भी नहीं है।
सरकार ने चालू रबी मौसम के दौरान सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,650 रुपये क्विंटल तय किया था लेकिन थोक में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों का भाव आज 70 रुपये बढ़कर 5,915- 5,965 रुपये क्विंटल हो गया। सरसों पक्की घानी टिन पांच रुपये बढ़कर 1,985- 2,015 रुपये और कच्चे घानी टिन का भाव भी पांच- दस रुपये बढ़कर 2,115 से 2,145 रुपये पर बोला गया। वहीं सोयाबीन तेल मिल उिलीवरी दिल्ली भी 50 रुपये बढ़कर 13,850 रुपये क्विंटल हो गया। इंदौर में सोयाबीन तेल 13,670 रुपये और कांडला में 12,670 रुपये क्विंटल पर बोला गया। सरिस्का मक्का खल का भाव पांच बढ़कर 3,610 रुपये क्विंटल हो गया।
खाद्य तेल बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार को तिलहन उत्पादक किसानों को लगातार समर्थन देते रहना चाहिये। खाद्य तेलों के मामले में यदि देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो तिलहनों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचे ही होने चाहिये तभी विदेशों से होने वाला खाद्य तेलों का सवा लाख करोड़ रुपये का आयात कम हो सकता है। खाद्य तेलों के दाम यदि ऊंचे होते तो देश में तिलहन उतपादन में कमी नहीं आती, किसान उत्साह के साथ तिलहन उत्पादन करता रहता। लेकिन समय समय पर विदेशों से सस्ते आयात का खामियाजा देश के तेल- तिलहन उत्पादकों को भुगतना पड़ता है।बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 5,915 – 5,965 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली दाना – 6,215 – 6,280 रुपये। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,320 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,465- 2,525 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 12,350 रुपये प्रति क्विंटल।न सरसों पक्की घानी- 1,985 -2,015 रुपये प्रति टिन।सरसों कच्ची घानी- 2,115 – 2,145 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 14,650 – 17,650 रुपये।सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,850 रुपये।सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,670 रुपये।सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,670 रुपये।सीपीओ एक्स-कांडला- 11,460 रुपये।बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,000 रुपये। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,170 रुपये। पामोलिन कांडला 12,170 (बिना जीएसटी के)सोयाबीन दाना 6,250 – 6,300 रुपये: सोयाबीन लूज 6,200- 6,250 रुपये मक्का खल 3,610 रुपये प्रति क्विंटल ।