स्टार्टअप्स को 100% विदेशी पूंजी की मंजूरी

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नई दिल्ली । सरकार ने पहली बार स्टार्टअप्स को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति में स्थान देते हुए सौ फीसद फंडिंग विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों (एफवीसीआई) से जुटाने की अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि स्टार्टअप के रूप में देश में नया व्यवसाय शुरू करने वाले युवाओं को धनराशि जुटाने में आसानी होगी।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर जारी समेकित नीति के अनुसार स्टार्टअप्स एफवीसीआइ से प्राप्त धनराशि के एवज में उन्हें हिस्सेदारी, इक्विटी लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स या डेट इंस्ट्रूमेंट जारी कर सकेंगे। इसके अलावा स्टार्टअप्स भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति को कन्वर्टिबल नोट्स भी जारी कर सकेंगे।

पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर किसी भी देश में रहने वाले व्यक्ति को किसी भी भारतीय स्टार्टअप कंपनी से कन्वर्टिबल नोट्स खरीदने की अनुमति होगी। इस संबंध में कुछ शर्तें भी लागू होंगी। एफवीसीआइ एक बार में 25 लाख रुपये के कन्वर्टिबल नोट्स ही खरीद सकेंगे।

यह सुविधा NRI को भी मिलेगी। मंत्रालय ने इस दस्तावेज में हाल के वर्षो में एफडीआइ के संबंध में किए गए सभी नीतिगत बदलावों को शामिल किया है। इस दस्तावेज में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में एफडीआइ को सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है उनमें अनिवासी निवेशकों को कन्वर्टिबल नोट्स जारी करने के लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता होगी।

स्टार्टअप्स को इस तरह के कन्वर्टिबल नोट्स जारी करने से पहले आरबीआई के नियमानुसार रिपोर्ट देनी होगी। बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार नौकरियां सृजित करने के लिए स्टार्टअप कंपनियों पर फोकस कर रही है। सरकार ने बीते एक साल में रक्षा, नागर विमानन व कंस्ट्रक्शन सहित दर्जन भर क्षेत्रों के संबंध में FDI नीति को उदार बनाया है।