GST लागू हुआ तो आधी हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमत, जानें कैसे

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नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल (Petrol and diesel) की आसमान छूती कीमतों के बीच इन पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने की मांग की है। सरकार ने भी इसके संकेत दिए हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि जीएसटी परिषद (GST Council) की अगली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। अगर पेट्रोल और डीजल की जीएसटी के दायरे में लाया जाता है और 28 फीसदी की अधिकतम स्लैब में रखा जाता है तब भी इनकी कीमत में काफी कमी आ सकती है। आइए जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इनकी कीमत में कितनी कमी आ सकती है

अभी कितना टैक्स
पेट्रोल की कीमत का करीब 60 फीसदी और डीजल की कीमत का 54 फीसदी हिस्सा राज्य और केंद्र के करों का है। राज्य अपनी जरूरत के हिसाब से पेट्रोल-डीजल पर ad velorem tax, सेस, एक्सट्रा वैट और सरचार्ज लगाते हैं। केंद्र और राज्यों की टैक्स रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा सेल्स टैक्स या वैट से आता है। यही वजह है कि सरकारें पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहती हैं।

टैक्स की हिस्सेदारी
मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये और डीजल की कीमत 81.47 रुपये थी। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की बेस प्राइस 33.26 रुपये और डीजल की 34.97 रुपये थी। इस तरह डीजल पर 53.94 रुपये और डीजल पर 43.74 रुपये टैक्स था। प्रति लीटर 0.28 रुपये फ्रेट प्राइस के साथ इसकी कीमत 33.54 रुपये प्रति लीटर बैठती है। इस पर 32.9 रुपये एक्साइज ड्यूटी, 3.69 रुपये डीलर कमीशन और 21.04 रुपये वैट लगता है। इसी तरह डीजल पर 31.8 रुपये एक्साइज ड्यूटी, 2.51 रुपये डीलर कमीशन और 11.94 रुपये वैट लगता है।

जीएसटी में आने के बाद
पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के दायरे में आने के बाद दिल्ली में इनकी कीमत क्रमश: 47.65 रुपये और 48.29 रुपये प्रति लीटर पर आ सकती है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत डीलर को 33.53 रुपये बैठती है जिसमें एक्साइज ड्यूटी और टैक्स शामिल नहीं हैं। 3.69 रुपये डीलर कमीशन और 10.42 रुपये (28 फीसदी की दर से) के साथ यह 47.65 रुपये हो सकती है। इसी तरह दिल्ली में दिल्ली में डीजल की कीमत डीलर को 35.22 रुपये बैठती है। 2.51 रुपये डीलर कमीशन और 10.56 रुपये (28 फीसदी की दर से) के साथ यह 48.29 रुपये होगी।

कितना होगा नुकसान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2020 को खत्म वित्त वर्ष के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोलियम सेक्टर से 556 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से केंद्र और राज्य सरकारों के राजस्व पर एक लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा जो देश की जीडीपी का 0.4 फीसदी होगा। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल की कीमत 75 रुपये लीटर और डीजल की कीमत 68 रुपये लीटर पर आ सकती है। उन्होंने क्रूड की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल और डॉलर की कीमत 73 रुपये के हिसाब से यह कीमत निकाली है।