लंदन। कोरोना संक्रमण से कराह रहे दुनियाभर के लोगों के लिए कोरोना की वैक्सीन जल्द आने की खबर से राहत मिली है। लेकिन लोगों तक वैक्सीन पहुंचने की राह आसान नजर नहीं आ रही है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन पर अपराधिक संगठनों की निगाह हो सकती है और वो वैक्सीन सप्लाई में बाधा पहुंचा सकते
इंटरपोल एजेंसी ने एक ऑरेंज नोटिस जारी किया है, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर और आसन्न खतरे के लिए अलर्ट करता है। इंटरपोल का कहना है कि संगठित अपराधिक समूह नए कोविड-19 टीकों की नकली बनाने या चोरी करने की कोशिश कर सकते हैं। अपराधिक संगठनों के लिए कोरोना का टीका ‘लिक्विड गोल्ड’ की तरह है।
194 सदस्यीय देशों की एजेंसी इंटरपोल ने बुधवार को एक वैश्विक ऑरेंज नोटिस जारी किया जारी कर लोगों को सतर्क किया है। उसने कहा कि आने वाले महीनों में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा धीरे-धीरे शुरू होने वाली है इस दौरान आपराधिक संगठन की तरफ से नकली टीके या कोरोना वायरस परीक्षण की चेतावनी दी जा सकती है।
इंटरपोल के महासचिव जुरगेन स्टॉक का कहना है कि टीकों के बाहर आने की घोषणाएं हो चुकी है। सरकारें अपनी अपनी तरफ से लोगों तक टीकों को पहुंचाने की तैयारी कर रही है। वहीं आपराधिक संगठन आपूर्ति श्रृंखलाओं में घुसपैठ या बाधित करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी संभावना हैं कि वैक्सीन से जुड़ी कोई आपराधिक गतिविधि हो इसके लिए हम यथासंभव तैयार हैं।
ब्रिटेन वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण देने वाला पहला देश बन गया है, जिसके बाद ही इंटरपोल ने यह चेतावनी जारी की है। बायोनटेक-फाइजर द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन अगले सप्ताह से बाहर आने शुरू हो जाएंगे। जबकि अमेरिका और अन्य देशों के नियामक अब वितरण के लिए अधिकृत करने से पहले नए दो-शॉट वाले टीके और अन्य उम्मीदवारों का मूल्यांकन कर रहे हैं।