मुंबई। अर्नब गोस्वामी को फ़साने की साजिश का पर्दाफाश हो गया है। यह साजिश महाराष्ट्र सरकार ने कैसे और क्यों रची। जानिए पूरा सच। महाराष्ट्र सरकार ने 40 बड़े अधिकारियों की एक टीम बनाई है और उन्हें ऑपरेशन अर्नब का नाम देकर बकायदा एक ऑपरेशन पर लगाया है। इन अधिकारियों को पिछले कई महीने से राज्य के दूसरे सारे कामकाज छोड़कर सिर्फ अरनव गोस्वामी को फसाने के लिए लगाया गया है।
इन अधिकारियों ने अर्नब गोस्वामी के ऑफिस की सारी खरीदारी देखी। बैलेंस शीट से लेकर कर्मचारियों की सैलरी, दीपावली बोनस, यहां तक कि झाड़ू टिशू पेपर सेनेटाइजर की खरीदी का बिल सब कुछ चेक किया और जब कुछ भी गड़बड़ नहीं मिला। तब उन्होंने 2 साल पहले शिवसेना के गृह मंत्री के द्वारा ही क्लोजर रिपोर्ट फाइल किए हुए अवन्य नायक आत्महत्या केस में अर्नव गोस्वामी को फांसने की पूरी प्लानिंग की।
उसके लिए शरद पवार ने अन्वय की पत्नी अक्षता नाइक को बुलाया और उन्हें पैसों का लालच देकर कहा तुम एक एप्लीकेशन मुझे दो कि तुम अवन्य और उनकी मां की आत्महत्या के केस को खुलवाना चाहते हो। अब जरा अवन्य नायक की कहानी जान लीजिए
- अवन्य नायक की कंपनी 2013 में 8.21 करोड़ लॉस में थी
- 2014 में 4.74 करोड़ लॉस में थी
- 2016 में 4.45 करोड़ लॉस में थी
- टोटल डेब्ट 19.57 करोड़, ओवरड्राफ्ट 10.37 करोड़, ट्रेड रिसिवेबल 6.63 करोड़ का था ट्रेड पेयबल्स 7.51 करोड़ का था
बकाया:-
- अर्नब गोस्वामी- 83 लाख (8 करोड़ पेमेंट मिल चुका था)
- फिरोज शेख- 4 करोड़
- नीतीश शारदा- 55 लाख
अन्वय नायक की कंपनी में अन्वय और उनकी मां कुमुद डायरेक्टर थी। क्योंकि अन्वय नायक का पत्नी अक्षता नाइक से तलाक का केस चल रहा था और अन्यव नायक को दुख ये था कि उनकी बेटी भी उनकी पत्नी के रास्ते पर चल रही थी यानी बेहद खुली जिंदगी जीती थी उनके कहने में नहीं थी। फिर एक दिन अन्वय नायक और उनकी मां कुमुद नायक मरे हुए पाए गए।
एक डेथ नोट परिवार ने कुछ महीने के बाद मीडिया को दिखाया लेकिन, उस पर सिर्फ अन्वय नायक का सिग्नेचर था, उसकी मां का नही। उसी सुसाइड नोट में जो इस वक्त वायरल हो चुका है जब आप पढ़ेंगे तब अन्वय नायक ने अर्नब गोस्वामी, फिरोज शेख और नीतीश शारदा तीनों का नाम लिखा है।
लेकिन नीतीश शारदा और फिरोज शेख कहां है ? उनके पीछे मुंबई पुलिस या महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं पड़ी? अरनव गोस्वामी ने सिर्फ 10 परसेंट पेमेंट बाकी रखा था और यह बकाया कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार था। अरनव गोस्वामी के पास उनका सिर्फ 83 लाख बकाया था, जबकि फिरोज शेख के पास उनका 4 करोड़ रुपए बकाया था ऐसे में यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करेगा तो सरकार को ज्यादा बकाया वाले पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी।
अन्वय की सुसाइड नोट में फिरोज शेख का नाम लिखे होने के बावजूद भी मीडिया, शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी तमाम सेकुलर पत्रकार सिर्फ अरनव गोस्वामी के नाम के नीचे हैडलाइन करके वायरल कर रहे हैं, लेकिन फिरोज शेख और नीतीश शारदा का नाम नहीं बता रहे हैं।
सबसे आश्चर्य इस बात का की अन्वय ने अपने बकाया पेमेंट लेने के लिए कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की। वह पुलिस के पास शिकायत लेकर नहीं गए। वह आर्बिट्रेटर के पास नहीं गए । आर्थिक तंगी में यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तब आप ऐसे हजारों केस का पैटर्न देखिए वह व्यक्ति अपने पत्नी और बच्चों के साथ आत्महत्या करता है, अपनी मां के साथ नहीं।
परिवार वालों के शिकायत के वक्त जब महाराष्ट्र में शिवसेना का ही गृह मंत्री था। मुंबई पुलिस ने जांच की और जांच के बाद अदालत में क्लोजर रिपोर्ट फाइल किया, कि अन्वय नायक और उनकी मां के आत्महत्या का मामला मानसिक अवसाद और अन्वय नायक का परिवार का बिखरना है। इसका अर्णब गोस्वामी से कोई लेना देना नहीं है।अदालत ने बकायदा कोर्ट का स्टैंप लगाकर मामले को क्लोज कर दिया और इस मामले में मुंबई पुलिस की तेज तर्रार सीआईडी ब्रांच ने जांच की थी।
अन्वय नायक की कंपनी का नाम कानकॉर्ड डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड था जो 2002 में बनी थी और यह कंपनी फर्नीचर बनाती थी कुमुद नायक (अन्वय नायक की मां ) और अन्यव नाइक इस कंपनी में डायरेक्टर थे और इस कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस दादर ईस्ट में था।
अन्वय नायक की कंपनी ने सरकार के पास अपना बैलेंस शीट जमा किया है। इसमें उन्होंने 2016 में 4.45 करोड़ लॉस 19.57 करोड़ उधारी यानी डेप्ट और 10.37 करोड़ बैंक ओवरड्राफ्ट बताया है और टोटल ट्रेड रिसिवेबल 2016 में इन्होंने 6.63 करोड़ जबकि ट्रेड पेयबल्स 7.51 करोड़ बताया है।
रिपब्लिक टीवी इंडियन ने 90% पेमेंट दे दिया था
क्या आप मानेंगे कि सिर्फ 10% बकाया के लिए कोई व्यक्ति अपनी मां के साथ आत्महत्या कर लेगा? जबकि असली बकायेदार फिरोज शेख है जो lcast X और स्की मीडिया कंपनी का मालिक है। उसने अन्वय नायक का 4 करोड रुपए नहीं दिया जो एक बहुत बड़ा अमाउंट है।
लेकिन परमवीर की पुलिस ने फिरोज शेख के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की। अन्वय नायक की पत्नी अक्षता नाइक जो उनसे हाई कोर्ट में तलाक का केस लड़ रही थी और जिन्होंने अपने पति को कई सालों से मुकदमों में फंसा रखा है। मिसेस अक्षता नाइक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार भी फिरोज शेख का नाम नहीं लिया।
83 लाख बकाया वाले का नाम आप चीख चीख कर बता रही हो लेकिन 4 करोड रुपए नहीं देने वाले का नाम आखिर आप क्यों नहीं ले रही ? बस यही असली सच्चाई है। यह मामला पूरी तरह से फ्रॉड है और कल जब अलीबाग कोर्ट में यह सारे फैक्ट रखे गए जब महिला जज जिन्हें जो राज्य सरकार के अंतर्गत आती हैं जो एक मजिस्ट्रेट है जो राज्य सरकार की कर्मचारी हैं।
उन्होंने पूरे दबाव के बावजूद भी इन सारे सच्चाईयों को देखते हुए अर्नब गोस्वामी को पुलिस कस्टडी नहीं दिया और अपने आदेश में एकदम साफ लिखा अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पूरी तरह से गलत है । पुलिस ने यह पूरा काम विद्वेषपूर्ण से किया है पुलिस ने यह एस्टेब्लिश करने में नाकाम रही। (साभार टाइम्स ऑफ़ इण्डिया)