नई दिल्ली। मार्केट कैपिटल के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलांयस से शेयरों में गिरावट का असर कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी पर भी देखने को मिल रहा है। इस गिरावट के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मार्केट कैपिटलाइजेशन में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।
एक ही दिन में मुकेश अंबानी को करीब 7 अरब डॉलर यानी लगभग 52,100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी वजह से मुकेश अंबानी फोर्ब्स की सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में छठे स्थान से खिसकर 9वें स्थान पर पहुंच गए। हालांकि फोर्ब्स की टॉप-10 सूची में शामिल वह अभी इकलौते भारतीय हैं। मुकेश अंबानी की नेटवर्थ अभी 71.3 अरब डॉलर है। सोमवार को रिलायंस का शेयर 8.6 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।
मार्च के बाद रिलायंस के शेयर में ये सबसे बड़ी गिरावट है। मालूम हो कि सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 15 फीसदी घटा है जिसके कारण उसके शेयरों में यह गिरावट आई। कंपनी के तेल एवं केमिकल्स बिजनेस में सुस्ती रही, लेकिन टेलिकॉम जैसे कंज्यूमर फेसिंग कारोबार में कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा।
कंपनी ने कहा है कि दूसरी तिमाही में ग्रुप के कामकाज और रेवेन्यू पर कोरोना की महामारी का असर असर पड़ा। जुलाई-सितंबर में उसका नेट प्रॉफिट 9,567 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले समान अवधि में 11,262 करोड़ रुपये था। कंपनी के टेलिकॉम बिजनेस ने इस दौरान शानदार प्रदर्शन किया और 73 लाख सब्सक्राइबर जोड़े।
इस दौरान कंपनी का प्रति व्यक्ति राजस्व बढ़कर 145 रुपये हो गया। इससे पहले दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के शेयरों पर विश्लेषकों ने मिली जुली राय व्यक्त की थी। कैपिटल सिक्योरिटी फर्म मैक्वेरी ने रिलायंस के शेयर के लिए 1,195 रुपये का टार्गेट प्राइस दिया है। उसने कंपनी का प्रदर्शन निराशाजनक रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, कई दूसरे विश्लेषकों का मानना है कि इस शेयर में तेजी आ सकती है।