नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज दाखिल किए हैं। कंपनी की योजना इससे 700 करोड़ रुपये जुटाने की है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक आईपीओ के तहत सरकार कंपनी में अपने 8.66 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश करेगी।
आईपीओ के मर्चेंट बैंकर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आईपीओ से 700 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है। रेलटेल एक मिनीरत्न कंपनी है। यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने वाली कंपनी है। कंपनी का अपना अलग संचार बुनियादी ढांचा है। उसका रेलवे लाइन के साथ-साथ बिछे ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पर विशेष अधिकार है।
30 जून को इसके ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क ने देश के विभिन्न शहरों में 55,000 किमी और 5,677 रेलवे स्टेशनों को कवर किया था। इस आईपीओ के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, आईडीबीआई कैपिटल, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को मर्चेंट बैंकर बनाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2018 में रेलटेल में 25 फीसदी तक हिस्सेदारी बिक्री के फैसले को मंजूरी दी थी।
क्या है आईपीओ?
जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। मतलब एलआईसी के आईपीओ को सरकार आम लोगों के लिए बाजार में रखेगी। इसके बाद लोग एलआईसी में शेयर के जरिए हिस्सेदारी खरीद सकेंगे।