कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के प्रयासों से KEDL ने लाखों रुपये की डिमांड सरचार्ज राशि बिलों से हटाई। महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान व्यापारी उपभोक्ताओ ने अपने प्रतिष्ठानों से बिजली के लोड को कम करवा दिया था। लेकिन, लॉकडाउन खुलने के बाद किन्हीं कारणों से लोड का उपभोग ज्यादा हो जाने के कारण बिजली मीटरों में लोड बढ़ कर आ गया।
इससे जुलाई माह के बिलों में 10,000 से लेकर 3,00,000 रुपये तक की डिमांड सरचार्ज के नाम पर यह जुड़ कर आ गई। इस मसले को लेकर कोटा व्यापार महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिसमें अध्यक्ष क्रांति जैन महासचिव अशोक माहेश्वरी, उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह,कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव ईश्वर गंभीर, कोटा डिस्ट्रिक्ट सेंटर हॉस्टल एसोसिएशन के सचिव अनिल अग्रवाल ने जिला कलेक्टर एवं केडीईल के कॉमर्शियल हेड से मिलकर डिमांड राशि को खत्म करने का आग्रह किया था।
उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में इतनी भारी पेनल्टी चुकाना व्यापारियों उद्यमियों के बस में नहीं है। कोरोना वायरस के चलते व्यापार उद्योग जगत, हॉस्टल, होटल, रेस्टोरेंट मैरिज गार्डन व्यवसाय पूरी तरह से चरमरा गया है। वर्तमान परिस्थितियों में व्यापारी पूरी तरह से धरातल पर आ चुके हैं। इस राशि को जमा कराने में सक्षम नही है।
माहेश्वरी ने बताया कि केडीईल के कॉमर्शियल हेड रविशंकर शुक्ला एवं डिप्टी मैनेजर बिलिंग सुनील सिंह ने इस तरह के सभी बिलों को कोटा व्यापार महासंघ के माध्यम से मंगवा कर व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए 3 दिन की मशक्कत के बाद आज इस डिमाण्ड सरचार्ज राशि को बिलो से हटा कर उपभोक्ताओं को राहत दी।
कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष जैन, महासचिव माहेश्वरी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव ईश्वर गंभीर ने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि जिन उपभोक्ताओं ने लॉक डाउन के दौरान बिल जमा नहीं करवाये और उनके वर्तमान बिलो मे लेट फीस चार्ज जुडकर आये है, वह केडीईल के क्षेत्रीय कार्यालयो में जाकर अपने बिलों से लेट फीस को हटवा सकते हैं।
साथ ही जिन उपभोक्ताओं ने अपने लोड कम करवाए थे और वह किन्हीं कारणों से लोड उपयोग ज्यादा लेने पर उन पर जुलाई माह के बिलों में डिमान्ड सरचार्ज राशि जुडकर आयी है वह भी उसे हटवाकर बिल जमा करवा देंवें। बैठक में सभी व्यापारियों एवं उद्यमियों ने एकमत होकर लॉक डाउन के दौरान बिजली के बिलों में लगाए जा रहे स्थाई शुल्क को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया।
उन्होने मांग की कि लॉक डाउन पीरियड का स्थाई शुल्क माफ करने का राज्य सरकार जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को आदेश देवें । इसके लिए कोटा के समस्त औद्योगिक संगठन कोटा व्यापार महासंघ को साथ लेकर लॉक डाउन पीरियड का स्थाई शुल्क को माफ किए जाने की मुहिम चला रहे हैं। उसके लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के खिलाफ आंदोलन भी करना पड़े तो व्यापारी उद्यमी में पीछे नहीं हटेंगे।