कोटा। होप सोसायटी, इण्डियन सोसायटी फोर ट्रेनिंग एण्ड डेवलपमेंट तथा अग्रवाल न्यूरो साइकेट्री सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में नेशनल काॅन्क्लेव शनिवार को अग्रसेन बाल विद्या निकेतन समिति तलवंडी पर आयोजित की गई। इण्डियन सोसायटी फोर ट्रेनिंग एण्ड डेवलपमेंट (ISTD) के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित काॅन्क्लेव के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे।
इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के माध्यम से पूरे विश्व को परिवार माना है। हर व्यक्ति की कोशिश होती है कि समाज के प्रति वह भी योगदान दे। समाज के दूसरे लोगों को प्रेरित करने के लिए कार्य करने वाले लोगों का सम्मान किया जाता है। पहले योग, आध्यात्म और संयुक्त परिवार के माध्यम से अवसाद को नियंत्रित किया जाता था। अब समय बदला है तो अवसाद रोगियों में बढोतरी हो रही है। हालांकि उसी अनुपात में चिकित्सा सुविधाएं भी बढी हैं। अब व्यक्ति मानसिक अवसाद की चिकित्सा कराने से कतराता नहीं है।
उन्होंने कहा कि देशभर में कोटा कोचिंग ने अपनी पहचान बनाई है। यहां आने वाले विद्यार्थियों को लोगों का भरपूर प्यार और सहयोग मिलता है। वे अपने बेटे बेटियों की तरह अच्छी शिक्षा और संस्कार देने का कार्य करते हैं। जब आवश्यकता होती है तो सामाजिक रूप से भी साथ खड़े होते हैं। कोटा शहर को कलंकित करने के लिए कईं प्रकार के षडयंत्र भी होते रहे हैं। शहर को बदनाम करने के लिए नियोजित प्रयास किए गए।
देशभर से स्टूडेंट सपने लेकर कोटा आते हैं। हालांकि सभी के सपने पूरे नहीं हो सकते हैं, लेकिन इस कारण से सपने देखना बंद नहीं कर सकते हैं। व्यक्ति को सदैव बड़े सपने देखने चाहिए। फिर उन्हें पूर्ण करने के लिए जूनून और आत्मविश्वास भी जरूरी है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति, अवसाद और तनाव से मुक्त व्यक्ति सदैव कामयाबी की तरफ बढता है।
होप सोसायटी ने कईं लोगों को आत्महत्या से बचाया
डाॅ. एमएल अग्रवाल ने कहा कि देश में हर 40 मिनट में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। इसके पीछे मानसिक स्वास्थ्य बड़ा कारण है। मानसिक स्वास्थ्य से सदैव मतलब पागलपन नहीं होता है। जीवन की समस्याओं से लड़ने का तरीका भी पाॅजिटिव मेंटल हेल्थ से संबंधित है। होप सोसायटी के पास 8400 काॅल्स आती है। जिनमें से 500 लोग तो सुसाइड प्वाइंट से फोन करते हैं। होप सोसायटी ने कईं लोगों को आत्महत्या से बचाया है। इसके संचालन के लिए लोगों के सहयोग की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में सुसाइड प्रिवेंशन, सुसाइड बिहेवियर, स्ट्रेस मेनेजमेंट इन कोचिंग स्टूडेंट विषय पर विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। इस दौरान डाॅ. विजय सरदाना, डाॅ. अविनाश बंसल, डाॅ. पीके गुप्ता, डाॅ. अरूणा अग्रवाल, डाॅ. सुरभि गोयल ने परिचर्चा में भाग लिया। इस दौरान डाॅ. अमिता बिरला, आईएसटीडी की अध्यक्ष अनिता चौहान, डाॅ. पीएन टंडन, पीके शर्मा भी मंच पर मौजूद रहे। समाजसेवा के क्षैत्र में कार्य करने वाले तीन दर्जन से अधिक संस्थाओं और कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। साथ ही मेेंटल हेल्थ से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।