राजस्थान / कोचिंग संस्थानों के लिए शीघ्र कानून बनेगा

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कोटा। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य तनावमुक्त होकर विद्यार्थियों की प्रतिभा को तराशना है। कोचिंग संस्थानों के लिए सरकार शीघ्र कानून बनाकर लागू करेगी। जिससे विद्यार्थियों को काउंसलिंग, योग्यता के आधार पर रूचि के अनुसार विषय का चयन शामिल किया जा सके। इसके लिए कमेटी बन चुकी है।

वे शुक्रवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में आओ चले विद्यालय की ओर अभियान को सम्बोधित कर रहे थे। शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को नम्बर वन बनाना है। इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधों पर है। भागदौड़ की जिंदगी में माता-पिता बच्चों पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस स्थिति में शिक्षक ही उन्हें सदमार्ग पर ले जाकर योग्य बना सकते हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान पूरे भारत में दूसरे स्थान पर है, लेकिन हम सब को मिलकर इसके लिए मेहनत करनी होगी। बच्चों का बेहतर भविष्य का निर्माण करना होगा। उसी की बदौलत हम अपने लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार किए जा रहे हैं। उसके परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं। सरकार की ओर से शिक्षकों की हर मांग पूरी की जा रही है, लेकिन अब शिक्षकों का दायित्व है कि वह अपने आप पर खरे उतरें। इससे पहले 20 प्रतिभाशाली विद्यार्थी व भामाशाहों का सम्मान किया गया।

सभी अधिकारी सरकारी स्कूल से पढ़े
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक शिक्षक के बेटे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा मंत्री का दायित्व दिया है। इससे बड़ा सौभाग्य नहीं हो सकता। टीम भी ऐसी दी कि सभी अधिकारी सरकारी स्कूल से पढ़े। यहां प्राइवेट कुछ भी नहीं है। शिक्षा मंत्री ने अभियान का नाम बदलकर कहा कि अब शिक्षा मंत्री चले विद्यालय की ओर की जगह ‘आओ चले विद्यालय की ओर होगा।

एक अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। जब हम सब विद्यालय की ओर से नहीं चलेंगे और विद्यालय के बारे में नहीं सोचेंगे।, उनमें अपना योगदान, विजन व मेहनत नहीं देंगे तब तक कोई सफल नहीं होगा। भामाशाह भी समय-समय पर भरपूर योगदान दे रहे हैं। जिससे हम अपनी परिकल्पना को साकार कर रहे हैं।

स्कूल को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाएं
निदेशक नथमल डिडेल ने कहा कि शिक्षा में किये जा रहे नवाचारों के प्रति सभी संस्था प्रधान संवेदनशील रहकर कार्य करें। विद्यालयों को आने वाले समय में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित करने के लिए सभी शिक्षा अधिकारियों को स्वप्रेरित होकर कार्य करना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि सभी संस्था प्रधान स्वप्रेरित होकर प्रदेश को अग्रणी स्थान पर रखने के लिए टीम भावना से कार्य करें।

शत-प्रतिशत परिणाम दें
शासन सचिव शिक्षा विभाग मंजू राजपाल ने कहा कि जिस तरह के संसाधन विद्यालयों में उपलब्ध हैं, उनका सदुपयोग किया जाए। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए शत-प्रतिशत परिणाम के लिए कटिबद्ध होकर कार्य करें।

सुविधाओं में कमी नहीं रहने दी जाएगी
जिला कलक्टर ओम कसेरा ने कहा कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के लिए कमी नहीं रहने दी जाएगी। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप सभी अधिकारी पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। शिक्षा विभाग प्रदेश में नवाचारों के माध्यम से परिवर्तन की दिशा में जिस गति से बढ़ रहा है वह प्रदेश के लिए सुनहरा पल है।

शिक्षा अधिकारियों को सघन निरीक्षण के निर्देश
शिक्षा मंत्री ने संभाग के सभी शिक्षा अधिकारियों की बैठक लेकर शैक्षणिक सुधार के लिए सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी नहीं है। पर्याप्त स्टाफ है, ऐसे में निरीक्षण कार्य में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। विद्यालयों का निरीक्षण कर सूचनाओं को पोर्टल पर अपलोड भी करें। शिक्षा मंत्री ने खेलों के क्षेत्र में संभाग के पिछडऩे पर नाराजगी व्यक्त की।