मुंबई। रिजर्व बैंक की मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर बैठक शुरू हुई। ऐसी उम्मीद है कि गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति सुस्ती पड़ती अर्थव्यवस्थाको गति देने के लिये नीतिगत दर में एक और कटौती कर सकती है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) तीन दिन की बैठक के बाद चार अक्टूबर यानी शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करेगी। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर अवकाश के कारण समिति की बैठक नहीं होगी। गवर्नर पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए मौद्रिक नीति में नरमी की गुंजाइश बनी हुई है वहीं राजकोषीय संभावना सीमित है।
केंद्रीय बैंक पहले ही इस साल रेपो दर में चार बार में कुल मिलाकर 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। अगस्त में हुई पिछली बैठक में एमपीसी में 0.35 प्रतिशत की कटौती की थी। उस कटौती के बाद रेपो दर 5.40 प्रतिशत पर आ गयी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आरबीआई ने ग्राहकों को नीतिगत दर में कटौता का लाभ तत्काल उपलब्ध कराने को लेकर बैंकों से कहा है कि वे एक अक्टूबर से अपने कर्ज को रेपो दर जैसे बाह्य मानकों से जोड़े।
इससे पहले, दास ने कहा कि कंपनी कर में कटौती के साथ विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती को देखते हुए सरकार के लिये राजकोषीय गुंजाइश सीमित है। ऐसे में उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिये मौद्रिक प्रोत्साहन दे। विशेषज्ञों की भी राय है कि कॉरपोरेट कर में कटौती को देखते हुए सरकार के हाथ तंग है ओर ऐसे में आरबीआई अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के इरादे से रेपो दर में कटौती कर सकता है।
प्रमुख वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता डीबीएस ने कहा है कि रिजर्व बैंक इस सप्ताह रेपो दर में इस सप्ताह 0.20 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। उसका कहना है कि केंद्रीय बैंक इस तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में प्रमुख नीतिगत दर में कुल 0.40 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।