नई दिल्ली। देश में ऑटो सेक्टर इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। इस कारण इस सेक्टर से अब तक लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। आने वाले तीन महीने में 10 लाख लोगों की नौकरियों पर भी खतरा बना हुआ है। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं जो पेंटिंग, वेल्डिंग, प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी और सर्विस से जुड़ा कार्य कर रहे हैं।
ऑटोमोटिव कंपोनेन्टस मेन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के डायरेक्टर जनरल विन्नी मेहता ने कहा है कि ऑटो सेक्टर के लिए अगले तीन चार महीने ज्यादा संवेदनशील हैं। मेहता का कहना है कि व्हीकल इंडस्ट्री इस समय डी-ग्रोथ की ओर जा रही है। यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों में 10 लाख से ज्यादा लोग कंपोनेन्ट सेक्टर से नौकरी गवां चुके हैं। यह ट्रेंड अगले तीन-चार महीने तक बना रहे सकता है इससे 5 से 10 लाख लोगों की ओर नौकरियां जा सकती हैं।
टियर-2 और टियर-3 शहरों की कंपनियों में सबसे ज्यादा संकट
मेहता का कहना है कि टियर-2 और टियर-3 में 400 करोड़ रुपए से कम के टर्नओवर वाली कंपनियों पर ज्यादा संकट बना हुआ है। इन कंपनियों से 50 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं जो करीब 15 बिलियन डॉलर के कंपोनेन्ट का निर्यात करते हैं।
हर कंपनी करेगी 10 फीसदी लोगों की छंटनी
नौकरी देने वाली फर्म एक्सफेनो (Xpheno) और टीमलीज (TeamLease) ने अगली तिमाही में 5 लाख लोगों की नौकरियां जाने की आशंका जताई है। टीमलीज सर्विसेज की सहसंस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती का कहना है कि आने वाले समय में सभी ऑटो कंपनियां कम से कम 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेंगी। उन्होंने आशंका जताई कि ऑटो सेक्टर में मंदी का असर अभी 6 से 9 महीने तक बना रह सकता है।
यह भी पढ़ें :ऑटो सेक्टर में छंटनी रोकने को PM मोदी देंगे राहत पैकेज?