कोटा। नए लोकसभा स्पीकर को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है। सत्रहवीं लोकसभा में नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना कैंडिडेट तय कर लिया है। कोटा से दूसरी बार सांसद बने ओम बिड़ला लोकसभा स्पीकर होंगे। बिड़ला बुधवार को अध्यक्ष का पद संभालेंगे। सांसद बनने से पहले बिड़ला 3 बार कोटा साउथ सीट से विधायक भी रह चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिड़ला का नाम प्रस्तावित किया था। बीजू जनता दल (बीजद), शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट, अकाली दल, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), वाईएसआर कांग्रेस, जदयू, अन्नाद्रमुक और अपना दल ने बिड़ला का समर्थन किया है। लोकसभा सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को बिड़ला ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
नए लोकसभा स्पीकर का राजनीतिक सफर दिलचस्प हैं। 2014 में कोटा से सांसद चुने गए बिड़ला ने इस लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ी जीत हासिल की। सांसद बनने से पहले वह साउथ कोटा सीट से 3 बार विधायक भी चुने जा चुके हैं। 2019 चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राम नारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोटों से हराया।
सदन के सितारे’ से सबसे बड़े सदन तक, का सफर
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस पद के लिए बिड़ला की ओर से उनकी दावेदारी का नोटिस मिल गया है। राजस्थान में 13वीं विधानसभा के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 500 सवाल पूछे थे। विधानसभा में बहस के दौरान सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए बिड़ला को सम्मान मिला और उनका नाम ‘सदन के सितारे’ में 6 बार शामिल किया गया। एक नजर ओम बिड़ला के अब तक के सफर पर
नए लोकसभा स्पीकर का राजनीतिक सफर दिलचस्प हैं। 2014 में कोटा से सांसद चुने गए बिड़ला ने इस लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ी जीत हासिल की। सांसद बनने से पहले वह साउथ कोटा सीट से 3 बार विधायक भी चुने जा चुके हैं। 2019 चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राम नारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोटों से हराया।
3 बार विधायक, दूसरी बार सांसद
राजनेता होने के साथ-साथ ओम बिड़ला एक व्यवसाई भी हैं। केंद्र की राजनीति में आने से पहले बिड़ला राजस्थान की सियासत में सक्रिय रहे हैं। वह कोटा दक्षिण सीट से 3 बार विधायक निर्वाचित हुए। 2003 में जब वसुंधरा राजे की अगुआई में राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें संसदीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इसके बाद 2008 में वह एक बार फिर विधायक निर्वाचित हुए। 2013 में लगातार तीसरी बार ओम बिड़ला विधानसभा की चौखट पार करने में कामयाब रहे। इसके बाद अगले साल आम चुनाव में उन्हें बीजेपी ने कोटा-बूंदी संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया और वह पहली बार सांसद बने।
ओम बिरला का व्यक्तित्व : ओम बिरला ने कभी राजस्थान के कोटा में स्कूली संसद से अपना सफ़र शुरू किया और फिर यह यात्रा उन्हें भारत की संसद के स्पीकर पद तक ले गई। कोई उनकी इस कामयाबी पर ख़ुशी से सरोबार है तो कोई हैरान। उनमे ओम बिरला का नाम भी शामिल था। वे उस वक्त कोटा में गुमानपुरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्र संसद के प्रमुख बने थे। फिर बिरला ने अपनी सक्रियता जारी रखी और एक स्थानीय कॉलेज में छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए दाव लगाया।
मगर एक वोट से शिकस्त खा गए। पर बिरला ने इस पराजय को भूला दिया और अपने काम में लग गए । वे कोटा में सहकारी उपभोक्ता भंडार संघ के अध्यक्ष चुने गए और यह सार्वजिनक क्षेत्र में उनकी पहली हाजरी थी। उनके जानकर कहते हैं, ‘वे अवसर हासिल करने और उस मौक़े को अपने हक़ में ढालने की काबलियत रखते हैं।
बिरला ने कॉमर्स विषय में स्नातकोत्तर तक की तालीम हासिल की है, लेकिन इस पढाई के बावजूद वे सियासत के अच्छे विद्यार्थियों में गिने जाते हैं। वे एक ऐसा नेता हैं जो बीजेपी में ज़िलास्तर तक सक्रिय रह कर विधान सभा होते हुए लोक सभा तक पहुंचे है।
पार्टी के भीतर चुनाव प्रबंधन और बूथ स्तर तक कुशल तालमेल के लिए ओम बिरला की बानगी दी जाती है. वे बीजेपी में युवा मोर्चा के राजस्थान के अध्यक्ष और बाद में मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वे अपने कार्यकर्ता को हमेशा तवज्जो देते हैं।