नई दिल्ली। पश्चिम रेलवे ने मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से चलने वाली 39 रेलगाड़ियों में सफर के दौरान यात्रियों को मालिश की सुविधा देकर अतिरिक्त राजस्व कमाने के प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया है। रेलवे के इस प्रस्ताव को समाज के विभिन्न तबकों के लोगों ने आपत्तिजनक बताते हुए इसपर सवाल उठाए थे।
पश्चिम रेलवे ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा, ‘रतलाम मंडल ने इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा देने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन जैसे ही यह उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा, इसे वापस लेने का फैसला किया गया। पश्चिम रेलवे अपने उपभोक्ताओं के सुझावों का आदर करता है और उनपर कदम उठाते हुए समय-समय पर उन्हें लागू भी किया गया है।’
दरअसल, पश्चिम रेलवे की इस योजना पर क्षेत्रीय भाजपा सांसद शंकर लालवानी के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सवाल उठाए थे। लोकसभा अध्यक्ष ने इस सिलसिले में रेल मंत्री पीयूष गोयल को शुक्रवार को पत्र लिखा था। महाजन ने पत्र में पूछा, ‘इस प्रकार की (मालिश) सुविधा के लिए चलती रेलगाड़ी में किस तरह की व्यवस्था की जाएगी, क्योंकि इससे यात्रियों विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा एवं सहजता के संबंध में कुछ प्रश्न हो सकते हैं।’
महाजन से पहले, इंदौर क्षेत्र के नवनिर्वाचित भाजपा सांसद शंकर लालवानी भी मसाज योजना पर रेल मंत्री को पत्र लिख चुके हैं। लालवानी ने गोयल को 10 जून को लिखे पत्र में ‘भारतीय संस्कृति के मानकों’ का हवाला देते हुए रेलवे की प्रस्तावित मालिश सेवा को ‘स्तरहीन’ बताया था। इसके साथ ही, उनसे अनुरोध किया था कि वह इस योजना को लेकर जनमानस की भावनाओं के मुताबिक पुनर्विचार करें।
चलती ट्रेनों में सुबह छह से रात 10 बजे के बीच यात्रियों के पूरे शरीर की नहीं, बल्कि सिर और पैर जैसे अंगों की मालिश करने की योजना बनाई गई थी। इस सेवा के बदले यात्रियों से 100 रुपये, 200 रुपये और 300 रुपये की तीन अलग-अलग पैकेज श्रेणियों में शुल्क लेने का प्रस्ताव था। इस सेवा से पश्चिम रेलवे ने सालाना 20 लाख रुपये आमदनी की उम्मीद जताई थी।