धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 80 रुपये और दलहन में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने किसानों को खरीफ फसलों के लिए ज्यादा समर्थन मूल्य का दिया है। इस बार धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 80 रुपये और दलहन में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इस कदम से किसानों को फसलों की अधिक बुवाई करने को प्रोत्साहित हो सकें।
सात जून को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में खरीफ मौसम की 14 फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई थी। मंत्रिमंडल के इन फैसलों की घोषणा उस दिन शायद इसलिए नहीं की गई क्योंकि उस वक्त मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में किसान कर्ज माफी और अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाने की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन कर रहे थे।
केंद्रीय कृषि मंत्रलय ने अब राज्यों को पत्र लिखकर अगले फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई से जून) के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की सूचना एक पत्र के जरिये दी है।मानसून की शुरुआत के साथ कुछ राज्यों में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है।
एमएसपी की घोषणा से किसान फसलों की बुवाई को लेकर अपनी प्राथमिकता तय कर सकेंगे। राज्यों को लिखे पत्र के मुताबिक केंद्र ने धान का एमएसपी 80 रुपये बढ़ाकर सामान्य ग्रेड के लिए 1,550 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। ए ग्रेड के धान का नया समर्थन मूल्य 1,590 रुपये प्रति क्विंटल होगा। दलहन में अरहर का एमएसपी 5,050 रुपये से 5,450 रुपये, मूंग का 5,225 रुपये से 5,575 (बोनस समेत) रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
कपास का एमएसपी 160 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। मीडियम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 4320 रुपये प्रति क्विंटल और लांग स्टेपल कपास का एमएसपी 4320 रुपये प्रति क्विंटल होगा। मूंगफली और सूरजमुखी के समर्थन मूल्य में क्रमश: 230 और 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा 10.14 फीसद की बढ़ोतरी रागी के समर्थन मूल्य में की गई है।
खास बात यह है कि सरकार ने कुछ फसलों के मामलों में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों से आगे जाकर एमएसपी बढ़ाया है। अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन का एमएसपी सीएसीपी के सुझाव से ज्यादा 200 रुपये बढ़ाया गया है। चालू फसल वर्ष के दौरान देश में 27.33 करोड़ टन खाद्यान्नों का उत्पादन हुआ है।