मोबाइल के ज्यादा उपयोग से लोगों में बढ़ रहा बहरापन

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कोटा। नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार, देश में 7 से 8 प्रतिशत आबादी बहरेपन (कम सुनाई देने) की समस्या से जूझ रही है। एक लाख में से 290 लोगों में यह रोग सामने आ रहे हैं। चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन में सामने आया कि रोज 2 से 4 घंटे लगातार मोबाइल का उपयोग करने वाले लोगों में बहरापन बढ़ रहा है।

वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर कोटा के ईएनटी सर्जन डॉ. विनीत जैन ने बताया कि पहले 45 से 50 वर्ष की उम्र में कम सुनाई देने की समस्या होती थी, आज 25 वर्ष की उम्र में कान संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं। ऑडियोलॉजिस्ट शुभम सिंह ने बताया कि कान से सुनने की सामान्य क्षमता 25 से 30 डेसिबल होती है, लेकिन तेज आवाज में रहने या नियमित शोरगुल में रहने से हियरिंग लाॅस होने लगता है।

एक अध्ययन के अनुसार, यातायात पुलिसकर्मियों में वाहनों के तेज शोर के कारण व्यवहार में चिड़चिड़ापन होने लगता है। ड्यूटी से घर लौटकर वे इरिटेशन से ग्रस्त होते हैं। उनके लिये आजकल नॉइज क्रेकर आ गए हैं, जिससे वे शोरगुल व हॉर्न की तेज आवाज से खुद को बचा सकते हैं।

डॉ. जैन ने बताया कि प्रदेश में जयपुर के बाद 2018 से कोटा जिले में बहरापन दूर करने के लिए निशुल्क श्रुति प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक 25 हजार से अधिक निर्धन एवं जरूरतमंद रोगियों को ईएनटी जांच व परामर्श दिया गया है।

श्रुति प्रोग्राम के तहत निर्धन एवं जरूरतमंद रोगियों को निशुल्क ईएनटी परामर्श, जांच व दवाइयां वितरित की जाती है। इसके तहत शहर के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों के कानों की मोबाइल डिवाइस द्वारा निशुल्क स्क्रीनिंग जांच की गई।