नई दिल्ली/पैरिस। पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर पाक को दुनिया में अलग-थलग करने में जुटा है। इसके अलावा उसकी अर्थव्यवस्था पर भी प्रहार करने का प्रयास किया जा रहा है। अटैक में पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ सामने आने पर भारत ने उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है। यही नहीं पाक से आयात होने वाली चीजों पर सीमा शुल्क भी 200 पर्सेंट बढ़ा दिया गया है।
अब भारत ने पाक की इकॉनमी को दुनिया में ब्लैकलिस्ट कराने की तैयारी कर ली है। दुनिया भर में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ काम करने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स को भारत डॉजिएर सौंपेगा और पाक को ब्लैकलिस्ट करने की मांग करेगा। बता दें एफएटीएफ ने बीते साल जुलाई में ही पाक को ग्रे लिस्ट में शामिल किया था।
पुलवामा: 6 बार दबोचा गया था आत्मघाती आदिल
सुरक्षाबल अब तक जुटाए गए सबूतों के आधार पर डॉजिएर तैयार करने में जुटे हैं। भारत की ओर से एफएटीएफ को यह बताया जाएगा कि किस तरह पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआपीएफ पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने की साजिश रची।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ की मीटिंग के दौरान भारत यह दबाव बनाएगा कि पाक को ब्लैकलिस्ट किया जाए। फिलहाल एफएटीएफ ने ईरान और उत्तर कोरिया को ब्लैकलिस्ट कर रखा है।
ब्लैकलिस्ट से चरमराएगी पाक इकॉनमी
एफएटीएफ की ओर से ब्लैकलिस्ट किए जाने का मतलब होता है कि संबंधित देश मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनैंसिंग के खिलाफ जंग में सहयोग नहीं कर रहा है। यदि पाक को ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो फिर उसे वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, एडीबी, यूरोपियन यूनियन जैसी संस्थाओं से कर्ज मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा मूडीज, स्टैंडर्ड ऐंड पूअर और फिच जैसी एजेंसियां उसकी रेटिंग भी घटा सकती हैं।