वाशिंगटन। स्मार्टफोन ने फोन के इस्तेमाल के तरीके और परिभाषा को बदलकर रख दिया है। कभी केवल बातचीत के लिए इस्तेमाल होने वाला फोन आज किसी पक्के दोस्त की तरह हर पल साथ देने लगा है। मॉर्निग वॉक से लेकर शाम की सैर तक अपने कदमों की गिनती के लिए और ट्रेडमिल पर दौड़ लगाते वक्त दिल की धड़कन नापने के लिए भी लोग इनका इस्तेमाल करने लगे हैं।
ऐसे कई डिवाइस हैं जो एप की मदद से स्मार्टफोन से जुड़कर उसे और स्मार्ट बना देते हैं। वैज्ञानिकों ने इसी दिशा में एक और उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने ‘अलाइवकॉर’ नाम का ऐसा एप विकसित किया है, जो दिल के दौरे का पता लगाने में सक्षम है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल का खतरा लगातार बढ़ रहा है। खानपान की अनियमितता और दिनचर्या में गड़बड़ी कब दिल पर भारी पड़ जाए, कोई नहीं बता सकता। इसके बावजूद कई बार सीने में दर्द की शिकायत होने पर लोग अनदेखी कर देते हैं।
दिल से जुड़ा ऐसा ही एक खतरा है एसटी-एलिवेशन म्योकार्डियल इन्फार्क्शन (एसटीईएमआई)। यह दिल के दौरे का एक गंभीर प्रकार है, जिसमें कोई धमनी (रक्त को दिल से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने वाली नलिका) पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है।
एसटीईएमआई का पता लगाने के लिए आमतौर पर 12-लीड ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) किया जाता है। ईसीजी की सुविधा हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस कारण से कई लोग जांच से दूर रह जाते हैं। अब वैज्ञानिकों ने इस परेशानी का हल खोज निकाला है। अलाइवकॉर एप कभी भी और कहीं भी एसटीईएमआइ की आसानी से जांच कर सकता है।
ईसीजी जितना कारगर परिणाम
अमेरिका के इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस एप के नतीजे ईसीजी जितने ही कारगर हैं। अध्ययन के दौरान ऐसे 204 मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें दिल में दर्द की शिकायत थी। ऐसे लोगों की जांच 12-लीड ईसीजी और ‘अलाइवकॉर’ एप दोनों की मदद से की गई।
शोधकर्ता जे. ब्रेंट म्यूलेस्टीन ने कहा, ‘हमने पाया कि यह एप बहुत प्रभावी तरीके से दिल के दौरे का पता लगाता है। इसने ऐसे किसी भी मरीज में दिल का दौरा होने का संकेत नहीं दिया, जो स्वस्थ था। नतीजे ईसीजी जितने ही सटीक पाए गए।’
आसान हो सकेगी दिल की जांच
जो काम 12-लीड ईसीजी में 10 अलग-अलग इलेक्ट्रॉड की मदद से होता है, ‘अलाइवकॉर’ एप वही काम दो तार की मदद से कर देता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि इसे कोई भी, कहीं भी इस्तेमाल कर सकता है। इसके जरिये मरीज की स्थिति का तुरंत आकलन करना संभव होता है।
अगर रिपोर्ट में एसटीईएमआई के लक्षण दिखते हैं तो कार्डियोलॉजिस्ट उन्हें तत्काल इलाज का सुझाव दे सकते हैं। यह एप उन गरीब देशों के लिए क्रांतिकारी हो सकता है, जहां महंगी ईसीजी मशीनें आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।
म्यूलेस्टीन ने कहा, ‘एसटीईएमआइ के मामले में ब्लॉक हो गई धमनी को जितनी जल्दी खोल दिया जाए, मरीज के लिए उतना ही अच्छा है। यह एप इस पूरी प्रक्रिया को तेज करने और मरीज की जान बचाने में मददगार है।’