रासायनिक खाद व कीटनाशक के उपयोग से मां के दूध में भी जहर

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कोटा। राजस्थान में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए रामकृष्ण शिक्षण संस्थान भदाना,कट्स इंटरनेशनल एवं स्वीडिश सोसायटी फॉर नेचर कंजर्वेशन के तत्वावधान में जिले के लाडपुरा के रंगपुर गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जन जागृति कार्यक्रम आयोजित किया गया।

संस्था सचिव युधिष्ठिर चानसी (पार्षद) ने बताया कि बुधवार को कार्यक्रम में कट्स इंटरनेशनल के परियोजना अधिकारी राजदीप पारीक ने छात्र छात्राओं से कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के इस्तेमाल से जहर खाद्य पदार्थों के माध्यम से मां के दूध में भी पहुंच रहा है। 800 एमएल प्रतिदिन कीटनाशक जहर दूध में रिकार्ड किया गया है, जो कि खतरनाक संकेत है।

बच्चों को जिद करनी चाहिए कि वे अपने कृषक अभिभावकों से शुद्ध अनाज व सब्जियां उत्पादन करने को कहें। पारक ने बताया कि किस प्रकार घरों में किचन गार्डन के माध्यम से गोबर की खाद द्वारा सब्जियों का उत्पादन कर इस रासायनिक जहर को कम किया जा सकता है।

कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि पर्यावरण प्रेमी गीता दाधीच ने गीतों के माध्यम से रासायनिक खादों के प्रति सावचेत किया। प्राचार्य बेला शर्मा ने बच्चों से जैविक खेती की ओर अग्रसर होने का आव्हान किया। इस मौके पर ग्राम सेवक आर के जांगीड़ ने कहा कि रासायनिक खादों व कीटनाशकों के अधिक प्रयोग के कारण कैंसर के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय रंगपुर में चम्बल को साफ रखने का आव्हान किया और कहा कि चम्बल के किनारे के लोग चम्बल का पानी पीने से डरते है। विजयवर्गीय ने जैविक खेती का अपनाने पर भी जोर दिया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए मॉडल वाटिका में पौधारोपण किया गया।