कोटा। जनप्रतिनिधियों के विरोध के बीच ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर परियोजना के तहत चम्बल नदी पर बने हैंगिंग ब्रिज से गुजरने के लिए वाहन चालकों से रविवार से टोल वसूली शुरू हो गई। टोल वसूलने वाली कंपनी को हर रोज 10 लाख से ज्यादा वसूल करने का लक्ष्य आवंटित है। सुबह टोला प्लाजा का उद्घाटन हुआ। इस दौरान परियोजना निदेशक अनुपम गुप्ता और टे्रक मैनेजर हर्षित पारीक भी मौजूद रहे।
पहले दिन ही पुल के दोनों और वाहनों की लम्बी कतार लगी। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी हुई वे घंटों तक जाम फंसे रहे। टोल वसूलने वाली कंपनी के प्रतिनिधि पंकज दीक्षित ने बताया कि पहला दिन होने के कारण वाहन चालकों को जानकारी नहीं थी, इसलिए कुछ देर जाम लगा।
कुछ ही देर बाद यातायात सामान्य हो गया। वहीं ब्रिज से गुजरने पर जेब हल्की होने से स्थानीय वाहन चालकों ने इसे अनुचित बताया। यहां सकतपुरा और नयागांव की ओर टोल नाका बनाया गया है।
वाहन चालक मुकेश ने बताया कि कोटा शहर के लोगों से हैंगिंग ब्रिज पर गुजरते समय टोल की वसूली नहीं की जानी चाहिए। वहीं सुरेश गोचर ने कहा, कोटा शहर के वाहन चालको से टोल वसूलना अनुचित है। यहां के जनप्रतिनिधियों को सरकार से बात करके इसे तत्काल बंद कराना चाहिए।
किसी भी जगह टोल वसूलने से पहले सड़क की हालत में सुधार किया जाना चाहिए। अभी 20 किमी तक की दूरी के भीतर संचालित गैर वाणिज्यक वाहनों के लिए मासिक पास की दर 245 रुपए निर्धारित की गई है। सभी श्रेणी के वाहनों के 24 घंटे में वापसी पर टैक्स में 25 प्रतिशत छूट देय होगी।
एक माह में 50 एकल यात्राओं पर 33 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। ओवरलोड भारी वाहनों को 10 गुना टैक्स देना और अतिरित भार को अनलोड करना होगा। इसकी लागत वसूल हो जाने के बाद टोल की दूरों को 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा।