कोटा। सिंधु अध्ययन शोध पीठ का उद्घाटन समारोह शनिवार को कोटा यूनिवर्सिटी में आयोजित किया गया। समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि कोटा में यह शोध पीठ प्रदेश की दूसरी और देश की पांचवीं है। इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली में इसकी स्थापना की गई।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी है। ये हमारी महान संस्कृति के अंग है। उन्होंने कहा कि शोध संस्थान को सुचारू रूप से संचालन करने के लिए सलाहकार समिति गठित करने के लिए वीसी को निर्देश दिए।
सांसद ओम बिरला ने कहा कि सिंधु सभ्यता भारत की आठ हजार साल पुरानी सभ्यता है।
उन्होंने कहा कि आज सिंधी भाषा, विचार विलुप्त होते जा रहे हैं। सांसद ने शोध पीठ के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि कोटा में यह शोध पीठ सराहनीय कदम है। कार्यक्रम में हेमंत विजय, ओम अडवानी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा ने शोध पीठ के बारे में बताया।
कुलसचिव डॉ.संदीप सिंह चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ. शिखा दाधीच ने किया। समारोह में सिंधी समाज की ओर से पूज्य सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष ओम आडवाणी के नेतृत्व में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, सांसद ओम बिरला, विधायक संदीप शर्मा सहित अन्य अतिथियों का समाजबंधुओं ने 51 किलो फूलों से स्वागत किया।
वहीं दूसरी ओर पिछले साल यूनिवर्सिटी द्वारा करवाई बीएसटीसी परीक्षा के रेवेन्यू राशि चार करोड़ 22 लाख रुपए का चेक शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी को सौंपा। वहीं, यूनिवर्सिटी द्वारा शोध पीठ के लिए एक करोड़ रुपए की घोषणा भी हुई।
डिग्री पर अधिक फीस वसूली को लेकर सौंपा ज्ञापन
कोटा विश्वविद्यालय मंे शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी को चार करोड़ बाईस लाख का चेक सौंपा।
गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज के छात्रों ने डिग्री और मार्कशीट के लिए अधिक राशि वसूलने पर कोटा यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम में भाग लेने आए शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को ज्ञापन सौंपा।
देश में एजुकेशन की रैंक 26वें से तीसरे स्थान पर पहुंची
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि देश में प्रदेश के शिक्षा की रैंक में अच्छी पहचान बनी है। जहां देश में राजस्थान की रैंक 26 वीं थी जो अब तीसरे स्थान पर आ चुकी है। प्रयास होगा कि हम पहले स्थान पर आए। यह बात उन्होंने कोटा में शनिवार को बातचीत में कही।