नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम व्यवस्था में कहा है कि अदालत में इलेक्ट्रॉनिक सबूत स्वीकार करने के लिए सर्टिफिकेट होना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने इंडियन एविडेंस एक्ट की धारा 65बी पर यह स्पष्टीकरण दिया है। इसमें कहा गया है कि अदालती कार्यवाही में बतौर सबूत शामिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड किसी जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से प्रमाणित करवाना जरूरी है।
इस धारा पर स्पष्टीकरण देते हुए जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की बेंच ने कहा कि यह प्रावधान सिर्फ उन पर ही लागू करना चाहिए, जो रिकॉर्ड के साथ सर्टिफिकेट पेश करने की स्थिति में हों। जो कोई सर्टिफिकेट पेश नहीं कर सकता, उस पर यह लागू नहीं करना चाहिए।
ऐसा करना विश्वसनीय सबूतों के बावजूद शख्स को न्याय से वंचित रखने जैसा होगा। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से जुड़ी इस धारा पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्टीकरण का अपराध संबंधी मामलों के ट्रायल में सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।