नई दिल्ली। Reliance AGM 2024: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि रिलायंस बदलते हुए परिदृश्य में खुद को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित कंपनी में तब्दील कर रही है। उन्होंने कृत्रिम मेधा (AI) को मानव जाति के विकास में एक परिवर्तनकारी घटना बताते हुए कहा कि यह मानव जाति के समक्ष मौजूद जटिल समस्याओं के समाधान के लिए नए रास्ते खोल रही है।
अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की 47वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि रिलायंस में जारी प्रौद्योगिकी-संचालित बदलाव कंपनी को तीव्र वृद्धि के नए स्तर पर ले जाएगा और आने वाले वर्षों में इसका मूल्य कई गुना बढ़ जाएगा।
अंबानी ने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी (डीप टेक) और उन्नत विनिर्माण (एडवांस टेक्नोलॉजी) को रणनीतिक रूप से अपनाने से रिलायंस निकट भविष्य में दुनिया की शीर्ष-30 कंपनियों में अपना स्थान सुरक्षित कर लेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य अतीत की तुलना में कहीं अधिक उज्ज्वल है।
अंबानी ने कहा कि जियो आज एक प्रमुख प्रौद्योगिकी अन्वेषक के रूप में खड़ा है। उन्होंने मानव जाति के विकास में एआई को संभवतः सबसे बड़ा परिवर्तनकारी घटना बताते हुए कहा कि इसने मानव जाति के समक्ष आने वाली अनेक जटिल समस्याओं के समाधान के अवसर खोले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आपको पिछले साल बताया था कि रिलायंस अब प्रौद्योगिकी का शुद्ध उत्पादक बन गई है। क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियां और नवाचार हमेशा से देशों के साथ कॉरपोरेट जगत के लिए भी सबसे बड़े संपदा पैदा करने वाले रहे हैं। रिलायंस ने अपनी वृद्धि के हर चरण में इस ‘‘विकास मंत्र’’ को अपनाया है।’’
रिलायंस विभिन्न तरीकों से खुद को उन्नत विनिर्माण क्षमताओं के साथ एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित कंपनी में तब्दील कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने ग्राहकों के लिए अधिकतम मूल्य पैदा करने के लिए हर व्यवसाय में नवीन प्रौद्योगिकियां लेकर आ रहे हैं। हमारे प्रतिभाशाली इंजीनियर तथा वैज्ञानिक हमारे उत्पाद व सेवा पेशकशों को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी नवाचारों को आंतरिक स्तर पर विकसित कर रहे हैं। हमने सभी रिलायंस व्यवसायों के लिए एक एआई-केंद्रित डिजिटल ढांचा बनाया है और अपने सॉफ्टवेयर आधार खड़ा किया है।’’
अंबानी ने कहा, ‘‘रिलायंस ने वित्त वर्ष 2023-24 में शोध एवं विकास पर 3,643 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जिससे पिछले चार वर्षों में शोध पर हमारा खर्च 11,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। हमारे सभी व्यवसायों में महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं पर 1,000 से अधिक वैज्ञानिक और शोधकर्ता काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष रिलायंस ने 2,555 से अधिक पेटेंट दाखिल किए, जो मुख्य रूप से जैव-ऊर्जा नवाचारों, सौर व अन्य हरित ऊर्जा स्रोतों तथा उच्च मूल्य वाले रसायनों के क्षेत्रों से जुड़े थे।
अंबानी ने कहा, ‘‘हमारा भविष्य हमारे अतीत से कहीं अधिक उज्ज्वल है। मसलन रिलायंस को वैश्विक स्तर पर शीर्ष 500 कंपनियों में जगह बनाने में दो दशक से अधिक समय लग गया। उसके अगले दो दशकों में हम दुनिया की शीर्ष-50 मूल्यवान कंपनियों में शामिल हो गए। मैं साफ तौर पर देख सकता हूं कि निकट भविष्य में रिलायंस शीर्ष-30 वैश्विक कंपनियों में शामिल होगी।’’