पिता की दुकान पुत्र के लिए दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी: आदित्य सागर महाराज

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कोटा। चंद्र प्रभु दिगम्बर जैन समाज समिति की द्वारा आदित्य सागर मुनिराज संघ का भव्य चातुर्मास जैन मंदिर रिद्धि-सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में आयोजित किया जा रहा है। आदित्य सागर मुनिराज ने नीति प्रवचन सुनाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति से काम करवाना प्रबंधन है। जब हम अंदर की ओर प्रबंधन करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी आत्मा से शरीर का संतुलन होता है। उसका प्रबंधन ही आत्मिक प्रबंधन कहलाता है। वर्तमान का दौर शिक्षा का दौर है। सबको डिग्री प्राप्त करने की होड़ है। पहले लोग शिक्षा के पीछे नहीं भागते थे, परन्तु वह अनुभवी थे। पहले का 11वीं पास इंजीनियर के सामान था। गुलामी से पहले शिक्षित व्यक्ति में प्रेम,सौहार्द,अनुभव, ज्ञान व चरित्र था। 1920 में 1 रुपये में 70 डॉलर आते थे और अब 70 डॉलर में 1 रुपये आता है।

उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा की उपेक्षा नहीं करनी है, शिक्षा मानव को दानव बनने से रोकती है। परन्तु शिक्षा दिखावे की न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा का आयोजन ज्ञान होना चाहिए और प्रयोजन अनुभव। अनुभव कभी असफल नहीं होते हैं। उन्होने कहा कि वर्तमान में बच्चे पढ रहे हैं, परन्तु शिक्षित नहीं हो रहे। यदि वह शिक्षित होते तो माता-पिता का पैसा फोन, होटल व दिखावे का स्टेट्स मेंटेन करने में नहीं लगाते।

उन्होंने कहा कि एक पिता की दुकान बच्चे के लिए किसी विश्वविद्यालय से कम नहीं है। शिक्षित व्यक्ति कहीं भी नौकरी पा सकता है। परन्तु अनुभवी व्यक्ति नौकरी देता है। हमारे जीवन में डिग्री काम नहीं आती है, अनुभव ही कठिन समय से निकालता है। इसलिए शिक्षा जीवन का अंग और अनुभव जीवन की पूंजी है।

अध्यक्ष टीकम पाटनी और महामंत्री पारस बज खजुरी नें बताया की बुधवार को चातुर्मास के दीप प्रज्जवलन का सौभाग्य सोहन लाल,पुष्प लुहाड़िया परिवार को प्राप्त को प्राप्त हुआ। वहीं आहार करवाने का सौभाग्य महावीर बड़ला परिवार को प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष राजमल पाटोदी,चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी,मंत्री पारस बज,कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, रिद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला, अशोक सांवला, भुवनेश कासलीवाल, राजकुमार सबदरा, पदम बड़ला, मोनू लुहाड़िया, पारस लुहाड़िया, सुधीर बड़जात्या, मुकेश पाटनी सहित कई श्रावक उपस्थित रहे।