नई दिल्ली। NEET Peper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 से संबंधित याचिकाओं पर आज सुनवाई चल रही है। इससे पहले एनटीए ने नीट के सेंटर वाइज और सिटी वाइज नतीजे जारी किए थे। आपको बता दें कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा सहित तीन न्यायाधीशों की पीठ नीट यूजी 2024 को रद्द करने की मांग वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
पीठ ने कहा कि पेपर लीक 4 मई या उससे पहले हुआ था। इस बीच, एनटीए ने कुछ केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बांटने की बात मान ली है और कहा है कि ग्रेस मार्क्स केवल उन्हीं छात्रों को दिए गए थे जिनके केनरा बैंक के प्रश्न पत्र परीक्षा के बीच में वापस ले लिए गए थे और उनकी जगह एसबीआई प्रश्न पत्र ले लिया गया था।
एनटीए ने कहा कि ऐसे केंद्र थे जहां सही पेपर बीच में ही वितरित कर दिया गया था, झज्जर में 3 केंद्र हैं। एक में, छात्रों ने केनरा बैंक का पेपर हल किया। बाकी दो पर एसबीआई के पेपर आधे-अधूरे बांटे गए। इस पर सीजेआई ने सवाल पूछा कि फिर ग्रेस मार्क्स क्यों दिएगए। सॉलिस्टर जनरल ने इसके जवाब में कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट का एक पिछला फैसला है जिसमें कहा गया है कि अगर समय की हानि होती है तो ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे। हालांकि, हमने उस निर्णय को याद किया और पुनः परीक्षण आयोजित किया गया।
सीजेआई ने कहा कि अनुराग यादव का कहना है कि उन्हें 4 तारीख की रात को पेपर मिला था, हमें देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय है और केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है या यह व्यापक और व्यवस्थित है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास अभी तक ऐसा कोई मेटेरियल नहीं है जो दिखाए कि पेपर लीक इतना व्यापक था और पूरे देश में फैला था।
पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं
उधर संसद में भी लोकसभा में नीट पेपर लीक का मुद्दा उठा है। इसपर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि एनटीए के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।