Lok Sabha Election 2024: बिरला, वसुंधरा, जोशी और गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर

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जयपुर। Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में बीजेपी इस बार हैट्रिक लगाने की दांवा कर रही है, लेकिन सियासी जानकारों के संशय है। सियासी जानकारों का कहना है कि हनुमान बेनीवाल नागौर, रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर और चूरू में राहुल कस्वां बीजेपी की उम्मीदों को पूरा नहीं होने देंगे।

इन सीटों पर सभी की नजरें है। नागौर से बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है। जबकि उनका सामना इंडिया गठबंधन के हनुमान बेनीवाल से है। इसी प्रकार बाड़मेर-जैसलमेर सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी की राह में बाधा बने हुए। यहां से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी फंसे हुए दिखाए दे रहे है।

उनके सामने कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल को खड़ा किया है। जमीनी स्तर पर मजबूत दिखाई दे रहे है। हालांकि, कैलाश चौधरी ने बहुत काम किए है। उनका फायदा मिल सकता है। चूरू से इस बार राहुल कस्वां बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते है। राहुल कस्वां बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए है।

अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर
जालौर-सिरोही लोकसभा सीट पर भाजपा ने पिछले दो चुनावों से जीतते आ रहे देवजी पटेल की विधानसभा चुनाव में हार के बाद लुम्बाराम चौधरी को मैदान में उतारा है। यहां विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट का काम देख रहे जोगेश्वर गर्ग और मंत्री ओटाराम देवासी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। वहीं, इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में पूर्व सीएम गहलोत की भी यहां प्रतिष्ठा दांव पर है। इसी प्रकार जोधपुर लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा की ओर से मैदान में हैं। यह क्षेत्र पूर्व सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले में आता है. ऐसे में इस सीट पर शेखावत के साथ ही पूर्व सीएम की भी साख दांव पर लगी है।

ओम बिरला की गुंजल से कड़ी टक्कर
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर भाजपा ने ओम बिरला को फिर से मैदान में उतारा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला वैसे तो पिछले दो बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं और इस सीट पर काफी मजबूत पकड़ भी रखते हैं। बावजूद इसके कांग्रेस ने ऐन वक्त पर बड़ा दांव खेलते हुए भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को मैदान में उतार दिया है। यही वजह है कि ये सीट अब हॉट बन गई है। गुंजल पहले बीजेपी में थे, हाल ही में कांग्रेस में शामिल हो गए है।

वसुंधरा राजे के बेटे को चुनौती
झालावाड़-बारां सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत पर भाजपा ने एक बार फिर से भरोसा जताया है। ऐसे में यह सीट पूर्व सीएम राजे के लिए काफी अहमियत रखती है। यहां से राजे खुद पांच बार और दुष्यंत तीन बार सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन को मैदान में उतारा है। ऐसे में राजे और भाया दोनों की प्रतिष्ठा यहां दांव पर लगी है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा है।

सीएम भजनलाल के गृह जिले में चुनौती
भरतपुर सीट पर इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर रामस्वरूप कोली को मैदान में उतारा है। भरतपुर सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला होने के कारण उनकी भी यहां प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। कांग्रेस ने यहां से संजना जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है। संजना विधानसभा चुनाव में करीब साढ़े तीन सौ वोटों से हार गई थी। ऐसे में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे विश्वेन्द्र सिंह, भजनलाल जाटव और जाहिदा खान की भी यहां प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

सीपी जोशी की प्रतिष्ठा दांव पर
चितौड़गढ़ सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी स्वयं मैदान में हैं। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना को प्रत्याशी बनाया है। सीपी जोशी के मैदान में होने से ये सीट हॉट हो गई है। बता दें कि इस सीट पर भाजपा से बागी होकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय विधायक चन्द्रभान आक्या ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मध्यस्तता के बाद आक्या ने भाजपा को समर्थन दे दिया है।