कोटा। Gatka Martial Art: राष्ट्रीय मेला दशहरा में शुक्रवार को शौर्य और रोमांच का जबरदस्त संगम देखने को मिला। विजयश्री रंगमंच पर वीर खालसा ग्रुप के द्वारा ‘गतका’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वीरता, शौर्य, पराक्रम और रोमांच का अद्भुद संगम देखने को मिला।
‘गतका’ की शुरुआत पैंतरा से हुई। जिसमें सिख वीरों ने अपने शस्त्र गोलिया, फरीसोटी, चक्कर, बैत, डांग, गुर्ज, कीलों के पट्टे, कृपाण को सलामी दी गई। इसके बाद “आओ जिने नचणा खंडे दी धार ते…” गीत पर हैरतअंगेज प्रदर्शन किया तो हर कोई अपलक देखता ही रह गया।
इस दौरान आग के गोले निकालना, आँखों में नमक डालकर तरबूज फोड़ने के कारनामे प्रदर्शित किया। इस दौरान गुरु गोविंद जी दा खालसा गुरु गोविंद जी फतह का नारे से आसमान में गूंज उठा।
इसके बाद अंग्रेजों के द्वारा भगत सिंह पर किए अत्याचारों को सजीव प्रसारित किया तो स्वतंत्रता संग्राम की यादें ताजा हो गई। सिख पंथियों के साथ हर कोई बोले सो निहाल… शस्त्री अकाल.. बोल उठा।
टीआरपी बैंड ने मचाया धमाल, झूम उठे श्रोता
राष्ट्रीय मेला दशहरा -2023 में शुक्रवार रात को विजयश्री रंगमंच पर टीआरपी बैंड की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने श्रौताओं को झूमा दिया। एक के बाद एक नए पुराने गीतों की मेलोडी ने मेले में हर किसी को ठहरने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान सारेगामा 2023 की फाइनलिस्ट रिया भट्टाचार्य, इंडियन आइडियल-4 की फाइनलिस्ट तोरशा सरकार तथा पार्श्व गायक विवेक मिश्रा ने नए पुराने गीतों को नए अंदाज में प्रस्तुत किया।
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उन्होंने शुरुआत भगवान गणपति की झांकी से की। मंच पर उतरते ही पंजाबी में पसूरी.. गाकर दीवाना बना दिया। कलाकारों ने देवा ओ देवा.. के बाद राफ्ता.. इलाही.. गुलाबी आंखें.. लेकर हम दीवाना दिल.. बदन पे सितारे लपेटे हुए.. की जबर्दस्त प्रस्तुति दी। इसके बाद टेंपो चेंज करते हुए दिल दा मामला.. रंग दे बसंती.. शावा शावा.. तेरी उम्मीद तेरा इंतजार करते हैं.. छुपाना भी नहीं आता.. गाया तो युवा दिल धड़क उठे। पुरानी मेलोडी पर दर्शक श्रौताओ ने भी साथ देते हुए रश्के कमल… छम्मा छम्मा.. पल्लो लटके.. झुमका गिरा.. गाया।