यह नियम सिर्फ उन पर लागू नहीं होगा जो रिटायर हो चुके हैं, बल्कि उन पर होगा जो किसी भी कारण से नौकरी छोड़ चुके हैं
मुंबई। अगर आप अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं या रिटायर हो गए हैं और फिर भी इस उम्मीद में बैठे हैं कि आपके ईपीएफ पर आपको ब्याज मिलता रहेगा तो आप गलत हैं।
यदि आप काम नहीं कर रहे हैं और फिर भी आपका ईपीएफ अकाउंट ऐक्टिव है तो आपको उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना पड़ेगा। इनकम टैक्स ऐपलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) की बेंगलुरु बेंच ने एक रिटायर्ड कर्मचारी के मामले पर सुनवाई करते हुए इस आई-टी प्रावधान को बरकरार रखा था।
ईवाय इंडिया में पार्टनर और इंडिया मोबिलिटी लीडर अमरपाल चड्ढा ने बताया, ‘आपकी नौकरी के बाद, चाहे वह रिटायरमेंट हो, आपने नौकरी छोड़ी हो या आपको निकाला गया हो, कई बार कर्मचारी अपना ईपीएफ अकाउंट चालू रखते हैं और उस पर ब्याज लेते हैं।
दुर्भाग्य से, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि नौकरी न करने की स्थिति में ईपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी लगता है।’ आईटीएटी के नियम के मुताबिक, यह नियम सिर्फ उन पर लागू नहीं होगा जो रिटायर हो चुके हैं, बल्कि उन पर भी होगा जो किसी भी कारण से नौकरी छोड़ चुके हैं।
पिछले साल नवंबर में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, जब कोई कर्मचारी अपनी नौकरी से इस्तीफा देता है या नौकरी से टर्मिनेट कर दिया जाता है, तो उसके बाद उसका ईपीएफ अकाउंट ‘ऑपरेटिव’ कैटिगरी में रहता है और उस पर उसे तब तक ब्याज मिलता है जब तक वह उसे विड्रॉल नहीं करता या दूसरी नौकरी करने पर उसे ट्रांसफर नहीं कराता।
वहीं दूसरी तरफ, रिटायर्ड कर्मचारी के लिए नियम थोड़े अलग हैं। अगर कोई व्यक्ति 55 साल की उम्र के बाद रिटायर होता है और अपने ईपीएफ खाते से विड्रॉल नहीं करता है या बैलेंस ट्रांसफर नहीं करता है तो उसके रिटायरमेंट की तारीख से तीन साल बाद उनके ईपीएफ खाते को ‘इनऑपरेटिव’ कैटिगरी में डाल दिया जाता है, इस कैटिगरी के खातों पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
इस पर मिलने वाली ब्याज दर की घोषणा हर साल होती है। 2016-17 के लिए यह दर 8.65 पर्सेंट थी, करंट फाइनैंशल ईयर के लिए दरों का ऐलान होना बाकी है।