पीठ में दर्द, निकली लीवर की गंभीर बीमारी, बिरला की मदद से बची जान

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किसान परिवार के बेटे के उपचार में आर्थिक सहायता भी दिलाई

कोटा। बूंदी जिले के हिण्डोली विधान सभा क्षेत्र के भवानीपुरा गांव में रहने वाले 24 वर्षीय रामराज नागर पीठ दर्द की समस्या लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा। जांच में उसको लीवर की गंभीर बीमारी सामने आई। जयपुर के निजी अस्पताल में दिखाने पर उपचार में मोटा खर्च बताया। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रामराज का दिल्ली में न सिर्फ उपचार करवाया बल्कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से आर्थिक सहायता भी दिलवाई।

सिर्फ ढाई बीघा जमीन के साथ पत्नी दो, बेटों और तीन बेटियों का परिवार चला रहे किसान छोटूलाल नागर बेटे रामराज को शिक्षक बनाना चाहते हैं। रामराज पूरी तनम्यता से रीट की परीक्षा की तैयारी भी कर रहा था। लेकिन जुलाई 2022 में उसकी पीठ में दर्द चालू हो गया। यह दर्द जब काफी दिन तक बना रहा तो उसने कोटा में एक निजी चिकित्सक को दिखाया। जांच में लीवर में सूजन सामने आई जिस पर लीवर रोग विशेषज्ञ के परामर्श पर जब एमआरआई और सीटी स्कैन करवाई तो लीवर की गंभीर बीमारी का पता चला।

ऐसे में रामराज उपचार के लिए जयपुर के बड़े निजी अस्तपाल पहुंचा। वहां 7-8 लाख रूपए खर्च करने के बाद पैसे समप्त हो गए। अस्पताल ने आगे के उपचार के लिए अब भी काफी बड़ी रकम की जरूरत बताई। पैसे नहीं होने के कारण रामराज वापस गांव लौट आया। यहां सामाजिक कार्यकर्ता हेमराज नागर, कुंजबिहारी नागर और केसरी नागर को जब उसकी परिस्थिति का पता चला तो वे उसे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास ले आए।

स्पीकर बिरला के निर्देश पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दिखाया गया, जहां उसका तत्काल ही उपचार भी प्रारंभ हो गया। वहां उपचार के लिए उसे करीब 15 लाख रूपए की आवश्यकता थी। बिरला के निर्देश पर अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक योजना का पता लगाया जिसके माध्यम से उसे पूरी सहायता मिल गई। रामराज की स्थिति में अब काफी सुधार है तथा कुछ ही समय में वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा। उसके परिजनों का कहना है कि यदि बिरला की ओर से मदद नहीं मिलती तो वे रामराज का उपचार नहीं करवा सकते थे। बिरला के कारण ही रामराज को दूसरा जीवन मिला है।

बीमारी में भी दी रीट की परीक्षा
गंभीर बीमारी के बावजूद भी रामराज ने अपना हौसला नहीं खोया। उसने रीट की परीक्षा दी जिसमें उसके 164 अंक आए। उसका अभी लेवल-2 का परिणाम आना बाकी है। यदि उसमें भी सफलता नहीं मिलती है तो वह आगे की परीक्षा के लिए तैयारी करेगा।

अंधविश्वास में कहा ढोक लगावाओ
पीठ में दर्द की समस्या बने रहने पर गांव के कई बुजुर्गों ने रामराज को विभिन्न्न स्थानों पर ढोक लगाकर आने की सुझाव दिया, लेकिन वह उपचार के लिए कोटा आ गया। रामराज ने कहा कि यदि अंधविश्वास में फंस जाता तो समस्या और भी गंभीर हो सकती थी। गांव में आज भी बीमारी से बचाव या उपचार के प्रति जागरूकता की कर्मी है। वह अब लोगों को जागृत करने में भी सहयोग करेगा।