केंद्र ने कीमतों पर अंकुश के लिए अरहर और उड़द दाल की भंडारण सीमा तय की

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नई दिल्ली। सरकार ने जमाखोरी रोकने और मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिल मालिकों के लिए अक्टूबर तक अरहर और उड़द दाल की भंडारण सीमा तय की है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने इस संबंध में तत्काल प्रभाव से एक आदेश जारी किया है।

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के मुताबिक इस आदेश के तहत, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए तुअर और उड़द भंडारण सीमा 31 अक्टूबर, 2023 तक तय कर दी गई है। आदेश के तहत, थोक विक्रेताओं के लिए तुअर और उड़द का 200-200 टन, खुदरा विक्रेताओं और खुदरा दुकानों के लिए पांच-पांच टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो में 200 टन की भंडारण सीमा निर्धारित की गई है।

बयान के मुताबिक मिल मालिकों के लिए भंडारण सीमा पिछले तीन महीनों का उत्पादन या सालाना क्षमता का 25 प्रतिशत (जो भी ज्यादा हो) रहेगी। आयातकों को सीमा शुल्क की मंजूरी मिलने के 30 दिन से अधिक भंडारण करने की अनुमति नहीं है।

क्या कहते हैं आंकड़े: मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अरहर का औसत खुदरा मूल्य दो जून को 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक साल पहले 103.25 रुपये प्रति किलोग्राम था। इसी तरह, उड़द दाल का औसत खुदरा मूल्य 5.26 प्रतिशत वृद्धि के साथ 110.58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक वर्ष पहले 105.05 रुपये प्रति किलोग्राम था।

एक्शन मोड में सरकार: बता दें कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। तुअर और उड़द पर भंडारण सीमा लागू करना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। उपभोक्ता मामलों का विभाग राज्य सरकारों के साथ साप्ताहिक स्तर पर तुअर और उड़द दाल की भंडारण स्थित पर स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल के माध्यम से गहनता से नजर रखे हुए है।