नई दिल्ली। क्या आने वाले दिनों में खाने के तेल और सस्ते हो सकते हैं। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) ने वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट का हवाला देते हुए खाद्य तेल कंपनियों को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को तुरंत 8-12 रुपये प्रति लीटर कम करने के लिए कहा है।
विभाग ने सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) सहित प्रमुख उद्योग निकायों के साथ बैठक में उपभोक्ताओं को तुरंत फायदा पहुंचाने के लिए कहा है। बता दें कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा एक महीने में उद्योग प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की गई यह दूसरी बैठक है।
200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक गिरावट: उद्योग प्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले दो महीनों के दौरान विभिन्न खाद्य तेलों के वैश्विक मूल्यों में 150 से 200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। यह भी जानकारी दी कि उन्होंने खाद्य तेलों के अधिकमत खुदरा मूल्यों में काफी कमी की है और वे जल्दी ही इन खुदरा मूल्यों को और भी कम कर देंगे। हालांकि खुदरा बाजार में इसका प्रभाव पड़ने में समय अंतराल एक महत्वपूर्ण कारण है फिर भी खुदरा मूल्यों में जल्दी ही कमी आने की उम्मीद है।
इससे पहले भी खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने प्रमुख खाद्य तेल संघों के साथ एक बैठक का आयोजन किया था और एक महीने में कुछ प्रमुख ब्रांडों के रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल के अधिकतम खुदरा मूल्यों में 5 से 15 रूपये प्रति लीटर की कमी आई है। इसी प्रकार सरसों तेल और अन्य खाद्य तेलों के मामलों में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज हुई है।
क्यों आई कमी: तेल की कीमतों में यह कमी अंतरराष्ट्रीय मूल्य कम होने और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम किये जाने के कारण हुई है। उद्योग प्रतिनिधियों ने तब यह सुनिश्चित करने की सलाह दी थी कि खाद्य तेलों के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में कमी होने का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से दे दिया जाए।