सोरसन को ब्रह्माणी माता अभ्यारण्य बनाने पर ही होगा समाधानः चम्बल संसद

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कोटा। चम्बल संसद (जल बिरादरी) कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी,बाघ-चीता मित्रों ने सोरसन वन क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि राज्य सरकार को अपने बजट घोषणा का पालन करते हुए गोडावण ब्रीडिंग सेंटर शीघ्र बनाया जाए तथा सोरसन को वन्यजीव अभ्यारण्य भी घोषित किया जाए।

यहां पर प्रसिद्ध ब्रह्माणी माता जी का मंदिर है, जो लोगों की आस्था का केंद्र है। ब्रह्माणी माता अभयारण्य के नाम से ही समिति का गठन 1992 में किया गया था। सोरसन अभ्यारण्य से गोडावण और काले हरिणों तथा प्रवासी पक्षियों को प्रभावी संरक्षण मिलेगा। बारां ही नहीं संपूर्ण हाडौती का पर्यटन विकास होगा।

चम्बल संसद के समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय, अध्यक्ष कुंजबिहारी नंदवाना ने कहा कि राज्य सरकार एवं वन मंत्री ने हाडौती नेचुरलिस्ट सोसायटी के अध्यक्ष विधायक भरत सिंह एवं वन्यजीव प्रेमियों की भावना का सम्मान किया है। लेकिन कंजर्वेशन के स्थान पर सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा दिया जाना बेहतर होगा।

विजयवर्गीय एवं नंदवाना ने कहा कि सोरसन को वन्यजीव प्रबंधन के तहत इसे कोटा वन्यजीव विभाग को देना उचित होगा। यदि तुरंत संभव नहीं भी हो तो बारां मण्डल वन विभाग को ही पर्याप्त कर्मचारी और संसाधन उपलब्ध कराए जायें । देर आयद दुरूस्त आयद.. सरकार ने सोरसन के लिए कुछ तो सोचा।

गत दिनों वन्यजीव प्रेमियों ने बारां जिले के सोरसन वन क्षेत्र के अमलसरा में ग्रामीणों से चौपाल कार्यक्रम में संवाद किया था, जिसमें ग्रामवासियों की तरफ से सोरसन को अभ्यारण्य बनाए जाने की मांग मुखर की थी।

वन्यजीव प्रेमी एवं हमलोग संस्था के संयोजक डाॅ. सुधीर गुप्ता की अगुवाई में अमलसरा पंचायत परिसर में आयोजित बैठक में गोडावण के पुनर्वास के लिए बजट में घोषित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर को अमली जामा पहनाए जाने की मांग दोहराई गई थी।

इस अवसर पर पूर्व सरपंच महावीर प्रसाद चौधरी भी शामिल हुए थे। स्मृतिवन सलाहकार समिति के मुकेश सुमन ने कहा कि सोरसन को अभ्यारण्य का स्तर देने एवं गोडावण ब्रीडिंग सेंटर की मांग के लिए आंदोलन को तेज किया जाएगा।