जीव, जंतु और वनस्पतियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण जरूरी: कलेक्टर

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पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले 13 लोगों का सम्मान

कोटा। जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा है कि जीव, जंतु और वनस्पतियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखा जाए, जिससे जैव विविधता का प्रभावी संरक्षण हो सके। जिला कलेक्टर शुक्रवार को राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड की जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

घर-घर औषधीय पौधों के वितरण से लोगों में औषधीय पौधों के प्रति जानकारी बढ़ी है। गत दिनों कोटा शहर के निकट दो बार पैंथर बस्ती में आ गया जो कि सोचने की बात है। हमें वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रयास करने होंगे।

कार्यक्रम में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ममता तिवारी ने कहा कि हमारे विभागीय दायित्वों को पूरा करने के साथ ही हमें लोक जैव विविधता पंजिका तैयार करने का कार्य करना होगा, जिससे वनस्पतियों और जीव जंतुओं का संरक्षण और संवर्द्धन हो सके। बाॅयो डायवर्सिटी चेन टूटने के कारणों पर विचार करना होगा कि शहरों में कंकरीट के जंगलों का विकास हुआ और अनेक वनस्पतियां विलुप्त हो गई। कारोना काल के बाद आयुर्वेदिक पौधों के प्रति लोगों का लगाव बढ़ा है। सरकार ने भी औषधीय पौधों का घर-घर वितरण किया।

उप वन संरक्षक जयराम पाण्डेय ने बताया कि सरकार जैव विविधता के प्रति संकल्पबद्ध है। कोटा में अभेड़ा बोटनिकल गार्डन में वनस्पतियों को संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। इसी प्रकार अनंतपुरा में स्मृतिवन में लव कुश वाटिका विकसित की जा रही है, जहां औधषीय पौधों का भी प्रभावी संरक्षण होगा।

बोर्ड के तकनीकी सलाहकार देवेंद्र भारद्वाज ने जैव विविधता संरक्षण अधिनियम- 2002 के गठन से 20 वर्ष में हुई प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान में 1760 में पेड़ों की रक्षा के लिए खेजडली में महिलाओं ने बलिदान दिया था।

उन्होंने वन्यजीवों, वनस्पतियों के सतत विकास के लिए हर जिला, पंचायत और नगर पालिका क्षेत्र में जैव विविधता पंजीयन को बढाने के प्रावधानों के बारे में बताया। संबंधित विभागों को इस कार्य से जोड़ने व परम्परागत ज्ञान को लिपिबद्ध करने पर जोर दिया।

वैद्य सुधींद्र श्रृगी ने औषधीय पौधों की पहचान और उनके गुणों के बारे में विस्तार से बताया। प्रो. नीलकमल राठौड, गीता दाधीच, पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय ने कार्यशाला को संबोधित किया।

गीता दाधीच ने डिवाइडरों पर औषधीय पौधे लगाने का सुझाव दिया। विजयवर्गीय ने शहरीकरण में पेड़ पौधों और वनस्पतियों को बचाने की जरूरत पर जोर दिया। इस अवसर पर पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए स्वाति गुप्ता, गीता दाधीच, मनोज गैमन समेत 13 वन कर्मियों को सम्मानित किया।

वन, कृषि, मतस्य, आयुर्वेद, नगर निगम, पंचायत,शिक्षा समेत 7 विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। जैव विविधता बोर्ड के वैज्ञानिक सलाहकार प्रवीण, सीपी शर्मा, दया मीणा, उप वन संरक्षक सुबोध कुमार सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी संजय नागर ने प्रतिभागियों का स्वागत किया।